Bijnor Flood News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में बाढ़ से तीन तहसीलों के 37 गांवों के 12,501 लोग प्रभावित हैं। प्रशासन ने राहत किचन, मेडिकल कैंप और सुरक्षा बल तैनात कर सहायता कार्य तेज कर दिए हैं, जबकि गंगा और खो नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।
Bijnor flood 12501 people affected: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। गंगा और खो नदी के जलस्तर में कमी आने के बावजूद हालात गंभीर हैं। जिले की तीन तहसीलों के कुल 37 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें चांदपुर तहसील के 12, सदर तहसील के 10 और धामपुर तहसील के 15 गांव शामिल हैं। प्रशासन के मुताबिक, कुल 2,836 परिवारों के 12,501 लोग इस आपदा से प्रभावित हैं और उनका दैनिक जीवन पूरी तरह बाधित हो गया है।
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत कार्यों की समीक्षा की। तहसील बिजनौर के इटावा राहत शिविर में फिलहाल 42 लोगों को सुरक्षित आश्रय मिला है। इसके अलावा इटावा, रावली, ब्रह्मपुरी और चांदपुर के खानपुर खादर में राहत किचन स्थापित किए गए हैं। इन किचन से बाढ़ पीड़ितों को ताजा भोजन मुहैया कराया जा रहा है ताकि किसी को भूखा न रहना पड़े।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न किट का वितरण तेज कर दिया है। बिजनौर तहसील में 425, नजीबाबाद में 100, चांदपुर में 573 और धामपुर में 380 किट बांटे गए हैं। ये किट बाढ़ से बेघर हुए और जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवनरेखा साबित हो रही हैं।
गंगा नदी का जलस्तर 219.30 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर नीचे है। वहीं, खो नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से 1.35 मीटर नीचे है। जलस्तर में यह कमी राहत की बात है, लेकिन प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अभी सतर्कता बनाए रखना जरूरी है क्योंकि स्थिति किसी भी समय बदल सकती है।
प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए चांदपुर और धामपुर में पीएसी की एक-एक बटालियन तैनात की गई है। वहीं, बिजनौर में एनडीआरएफ और चांदपुर में एसडीआरएफ की टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने बताया कि टीमों को विशेष रूप से उन गांवों में भेजा गया है जहां तक नाव से ही पहुंच संभव है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल सहायता के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। धामपुर में 19, चांदपुर में 14, बिजनौर और नजीबाबाद में 10-10 तथा नगीना में 8 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। इन कैंपों में प्रभावित लोगों को प्राथमिक इलाज, दवाएं और स्वास्थ्य परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।
बाढ़ से जिले के कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है। सदर बिजनौर, नजीबाबाद और चांदपुर क्षेत्र में 638.707 हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है। इसके अलावा नवलपुर बैराज, बहादुरपुर और शिखा वाला की गौशालाएं भी बाढ़ की चपेट में आ गई हैं, जिससे पशुओं के लिए चारे और सुरक्षित स्थान की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
जिला प्रशासन का दावा है कि सभी प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज गति से चल रहे हैं। मेडिकल टीम, भोजन वितरण और सुरक्षा बलों की तैनाती के जरिए हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें और संसाधन भी भेजे जाएंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।