दिल्ली धमाके के बाद पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। बीकानेर रेंज में पुलिस, बीएसएफ और इंटेलिजेंस ने मिलकर सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी शुरू कर दी है।
बीकानेर। दिल्ली में हुए कार धमाके के बाद पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को सतर्कता बढ़ा दी है। बीकानेर रेंज के सीमावर्ती क्षेत्र को अब पुलिस, बीएसएफ और इंटेलिजेंस के संयुक्त सुरक्षा घेरे में रखा गया है। बॉर्डर इलाकों में नाकाबंदी, गश्त और निगरानी को सख्त किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक हेमन्त शर्मा ने सभी बॉर्डर थानों और चौकियों को हथियारबंद गश्त, चौकसी और सघन नाकाबंदी के निर्देश दिए हैं। रेंज में अब 167 सीसीटीवी कैमरों की मदद से चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है और बीएसएफ के साथ मिलकर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। सीमापार पाकिस्तान का बहावलपुर क्षेत्र है, जिसे आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के लिए भी जाना जाता है और यहां से ड्रोन के जरिए हथियार व नशीले पदार्थ भेजने के प्रयास भी होते रहे हैं।
बीकानेर जिले के खाजूवाला, रणजीतपुरा और दंतौर थाना क्षेत्रों में नाकाबंदी और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। साथ ही रेलवे ने यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की सघन चेकिंग, यात्रियों पर नजर रखने व सामान की जांच तेज कर दी है।
हैडबरसलपुर, आरडी-95 और 16 केएचएम सहित विभिन्न चौकियों पर सशस्त्र पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। थानों से लेकर चौकियों तक लगातार गश्त और संदिग्धों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
आईजी हेमन्त शर्मा के निर्देश पर मुखबिर तंत्र सक्रिय कर दिया गया है। संदिग्ध व्यक्तियों, वाहनों और गतिविधियों की तुरन्त सूचना देने के लिए कहा गया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और होटल-ढाबों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
सीआईडी की चार आउटपोस्ट- बज्जू, खाजूवाला, छत्तरगढ़ और लूणकरणसर सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय हैं, लेकिन इनमें मैनपावर और संसाधनों की कमी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। सीमा चौकसी के लिए अतिरिक्त बल और आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
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पुलिस ने कहा है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और सीमावर्ती इलाकों में हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी भी सूचना को गंभीरता से लिया जा रहा है।