एक घंटे की बारिश ने बीकानेर शहर में नगर निगम और प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी। रविवार शाम महज करीब दो इंच पानी बरसते ही शहर के नाले जाम हो गए और सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं। घरों-दुकानों में पानी घुस गया।
बीकानेर। एक घंटे की बारिश ने बीकानेर शहर में नगर निगम और प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी। रविवार शाम महज करीब दो इंच पानी बरसते ही शहर के नाले जाम हो गए और सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं। घरों-दुकानों में पानी घुस गया। वाहन बंद हो गए और लोगों की सांसें अटक गईं।
सड़कें समंदर बन गईं। घरों में दरिया सा बहने लगा। हालात इतने भयावह थे कि बीकानेरवासी बोल पड़े…‘ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा।’ लेकिन मजाल क्या…अफसरों के घरों पर इस दरिया-समंदर की लहर (बीकानेरवासियों का दर्द) पहुंचे। पहुंचे। एक भी अफसर डूबते-उतराते शहर का हाल लेने के लिए सड़कों पर नहीं दिखा।
बारिश के दौरान कोचिंग सेंटर, दुकान और कार्यस्थलों में फंसे लोगों के परिजन अंधेरा होने तक चिंतित रहे। जब तक वे घर नहीं लौटे, परिवारों की धड़कनें तेज रहीं। जलभराव से कई दोपहिया-चौपहिया वाहन बीच सड़क पर ठप हो गए।
केईएम रोड, दाऊजी रोड, फड़ बाजार जैसे व्यापारिक इलाकों में दुकानों में पानी घुस गया। लाखों का सामान खराब हो गया। कई इमारतों के बेसमेंट में पानी भरने से भवन मालिक रातभर चिंतित रहे।
तेज बरसात ने शहर की तैयारी की पोल खोल दी। चंद घंटों की बारिश ने मुख्य मार्गों से लेकर मोहल्लों तक जलभराव की स्थिति बना दी। कई जगहों पर पानी का बहाव इतना तेज रहा कि वाहनों का आवागमन थम गया। सड़कों पर जगह-जगह कीचड़ और गंदगी फैल गई।
हालात इतने खराब हुए कि स्थानीय लोग बोल पड़े कि बरसात में पानी भरता तो है, लेकिन कुछ घंटों में निकल जाता था। यह पहला मौका है, जब घंटों बाद भी पानी जस का तस भरा रहा।
कोठारी अस्पताल के पास एक दुपहिया सवार खुला नाला न देख पाने से उसमें गिर गया। गनीमत रही कि लोगों ने समय रहते निकाल लिया, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।
पानी की निकासी के लिए नगर निगम ने चार जेसीबी मशीनें सूरसागर इलाके में तैनात कीं। सुजानदेसर और खुदखुदा डेरे पर भी जेसीबी और पम्प लगाए गए। इंदिरा कॉलोनी, नोखा रोड और गिन्नाणी क्षेत्र में दो-दो सौ रेत के थैले भेजे गए ताकि पानी की दिशा बदली जा सके। निगम का दावा है कि मोटर पम्प और जेसीबी लगातार काम कर रहे हैं।
पुरानी जेल रोड, कोटगेट, गंगाशहर रोड, केईएम रोड और आचार्य घाटी में पानी का बहाव इतना तेज रहा कि लोग रुकने को मजबूर हो गए। बहाव कम होने पर ही आवागमन फिर शुरू हो सका। बरसात से नाले और सीवर ओवरफ्लो हो गए। चौंखूटी नाले का पानी सड़कों पर बहता रहा। कई जगह मेनहॉल से गंदा पानी उफन कर बाहर निकला।
श्रीगंगानगर सर्किल से एमएस कॉलेज पुलिया तक जैसलमेर मार्ग पर 2-3 फीट पानी भर गया।
कोटगेट से रेलवे स्टेशन रोड तक पूरा इलाका तालाब जैसा नजर आया।
पब्लिक पार्क, गंगाशहर की नई लाइन, इंदिरा कॉलोनी, फड़ बाजार, पुरानी गजनेर रोड में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया।
पुरानी गिनाणी में घरों के भीतर 2-3 फीट पानी घुस गया। लोग घरों से पानी निकालने में जुटे रहे।
जूनागढ़ के आगे-पीछे और नगर निगम कार्यालय के पास भी हालात बदतर रहे।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। सोमवार और मंगलवार को भी कहीं तेज तो कहीं मध्यम बरसात के आसार हैं। इस बीच, रविवार को अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री दर्ज हुआ, जबकि शनिवार को यह 31.5 डिग्री था। अगले दिनों में न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना है।