बीकानेर

94 साल की पानी देवी बोलीं- मन अब भी जवान… खुद पर भरोसा तो कर सकते हैं हर फिनिश लाइन पार

बीकानेर की 93 वर्षीय पानी देवी गोदारा ने बेंगलुरु में आयोजित 45वीं नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉट पुट, 100 मीटर दौड़ और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी शानदार फिटनेस और खेल की क्षमताओं को साबित किया है।

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Pani Devi Sunday Guest Editor: मेरा नाम पानी देवी गोदारा है। उम्र 94 साल हो गई, लेकिन मन अब भी जवान है। लोग पूछते हैं, दादी, इस उम्र में इतना सब कैसे कर लेती हो? मैं मुस्कुराकर कहती हूं, क्योंकि मैंने कभी खुद को बुजुर्ग माना ही नहीं। बीकानेर के एक छोटे से गांव से हूं। खेतों में काम करना, घर संभालना, मवेशियों की देखभाल करना, मेरा जीवन था। टीवी पर खिलाड़ियों को देखती थी, पर कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं भी मैदान में उतरूंगी। सब कुछ बदला मेरे पोते जयकिशन की वजह से। जो बीकानेर में दिव्यांग बच्चों को पैरा गेम्स के लिए एथलेटिक्स में तैयार कर रहे हैं।

एक दिन मैं उसके साथ मैदान चली गई। वहां बच्चों को तैयारी करते देखा तो दिल ने कहा, तू भी तो कोशिश कर देख। घर आकर जयकिशन से कहा, मुझे भी खेलना है। वो पहले हंस कर बोला, दादी, ये बच्चों का खेल है, आपकी उम्र… लेकिन मैं डटी रही, उम्र रुकावट नहीं, अगर मन में हिम्मत हो। बस, फिर क्या था, जयकिशन ने कोच बन कर हाथ थाम लिया।

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फिर पूरे गांव को पता चल गया

शुरुआत दौड़ने से की। धीरे-धीरे रोज अभ्यास बढ़ाया। जय किशन मुझे स्टेट लेवल कॉम्पटिशन में ले गया, तब मेरी उम्र थी 92 साल। मैंने शॉट पुट, 100 मीटर दौड़ और डिस्कस थ्रो में मेडल जीते। पूना में नेशनल मास्टर एथलेक्टिस चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीते। जयकिशन ने मेरी तस्वीरें और कहानी सोशल मीडिया पर पोस्ट की तो पूरा गांव जान गया। जब मैं जब मैं घर से बाहर निकलती, तो लोग फोटो खिंचवाने लगते। मुझे कुछ समझ नहीं आया। तब जयकिशन ने बताया, दादी, अब आप सबकी प्रेरणा बन गई हैं।

गोल्ड मेडल जीतकर खेल क्षमता को किया साबित

बीकानेर की 93 वर्षीय पानी देवी गोदारा ने बेंगलुरु में आयोजित 45वीं नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉट पुट, 100 मीटर दौड़ और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी शानदार फिटनेस और खेल की क्षमताओं को साबित किया है।
बीकानेर की चौधरी कॉलोनी में रहने वाली पानी देवी अपनी गायों और भैंसों की सेवा करते हुए अपनी फिटनेस पर भी पूरा ध्यान देती हैं। वह नियमित रूप से व्यायाम करती हैं, जो उनकी सफलता का मुख्य कारण है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह साबित होता है कि उम्र केवल एक संख्या है और अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
पानी देवी की यह उपलब्धि न केवल बीकानेर, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके संघर्ष और मेहनत से आज की महिलाओं को यह सीखने को मिलता है कि शिक्षा और सही दिनचर्या अपनाकर किसी भी आयु में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

Updated on:
26 Oct 2025 10:26 am
Published on:
26 Oct 2025 10:05 am
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