उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आने वाले राईका बाग-फलोदी-जैसलमेर और लालगढ़-कोलायत-फलोदी रेल खंडों में व्यापक ट्रैक नवीनीकरण परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
बीकानेर। रेल यात्रियों की सुरक्षा और परिचालन क्षमता बढ़ाने की दिशा में भारतीय रेल ने एक अहम फैसला लिया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आने वाले राईका बाग-फलोदी-जैसलमेर और लालगढ़-कोलायत-फलोदी रेल खंडों में व्यापक ट्रैक नवीनीकरण परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। करीब 850 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित इस परियोजना के तहत दोनों रेल खंडों की ट्रैक संरचना को आधुनिक और अधिक मजबूत बनाया जाएगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना देश की रेल अवसंरचना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इन खंडों पर वर्तमान में उपयोग में ली जा रही पुरानी रेल पटरियां और स्लीपर सुरक्षा, गति और दीर्घकालिक रखरखाव की दृष्टि से अब उपयुक्त नहीं रह गए थे, इसलिए नवीनीकरण को प्राथमिकता दी गई।
इससे पहले वित्त विभाग ने परियोजना के लिए प्रति किलोमीटर 2.84 करोड़ रुपए की लागत को मंजूरी दे दी थी। अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित तकनीकी मानकों और स्वीकृत बजट के अनुरूप यह कार्य तय समय सीमा में पूरा किया जाएगा।
परियोजना के तहत पहला रेल खंड राईका बाग-फलोदी-जैसलमेर है, जिसकी कुल लंबाई 291.126 किलोमीटर है। इस मार्ग पर वर्तमान में लगी रेल पटरियों का रोलिंग मार्क वर्ष 2005 का है, जिन्हें वर्ष 2006 में बिछाया गया था। दूसरा खंड लालगढ़–कोलायत-फलोदी है, जिसकी लंबाई 73.742 किलोमीटर है। यहां उपयोग में लाई जा रही रेल पटरियां वर्ष 2004 से 2006 के बीच की हैं, जिन्हें 2006-07 के दौरान स्थापित किया गया था।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार दोनों रेल खंडों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ट्रैक नवीनीकरण को प्राथमिक सूची में रखा गया था। परियोजना पूरी होने के बाद न केवल ट्रेनों की गति और सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि रखरखाव की लागत भी घटेगी और संचालन अधिक सुचारु हो सकेगा।