राजस्थान में गर्मी और हीटवेव को लेकर शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को दायित्व सौंपा है। साथ ही कलेक्टरों को भी पत्र भेजा है।
राजस्थान के स्कूलों में बच्चों का गर्मी और हीटवेव से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने वाटर बेल जैसी व्यवस्थाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत एक-एक घंटे के अंतराल पर विद्यार्थी पानी का सेवन आवश्यक रूप से करें, इसके लिए शिक्षक बच्चों को याद दिलाएंगे। इसके पीछे उद्देश्य है कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहे। उनके शरीर में पानी की कमी नहीं हो।
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने बताया कि गर्मी में बच्चों के हीट वेव और गर्मी की चपेट में आने की आशंका रहती है। ऐसे में शिक्षकों को दायित्व सौंपा गया है कि बच्चे पानी का सेवन करते रहे, इसकी निगरानी करें। इसके लिए वाटर बेल बजाने जैसी व्यवस्था भी कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव विश्व मोहन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को पत्र भेजकर गर्मी में स्कूली बच्चों के बचाव के पुख्ता प्रबंध रखने के लिए कहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में कक्षाओं में पर्याप्त हवा के लिए पंखों एवं लू से बचाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।