Bilaspur News: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में बाहरी दलालों की करतूतें एक बार फिर उजागर हुई हैं। बुधवार सुबह एक युवक को मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया।
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में बाहरी दलालों की करतूतें एक बार फिर उजागर हुई हैं। बुधवार सुबह एक युवक को मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया। सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता से आरोपी को रंगे हाथों दबोच लिया गया और पुलिस के हवाले कर जेल भेज दिया गया।
घटना बुधवार सुबह करीब 6 बजे की है। सिम्स के ट्रायज वार्ड में उसलापुर निवासी अभिषेक निर्मलकर मरीजों और उनके परिजनों से लगातार बातचीत कर रहा था। सुरक्षाकर्मियों को उसके व्यवहार पर शक हुआ। जब उससे पूछताछ की गई तो वह घबरा गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वह मरीजों को यह कहकर निजी अस्पताल ले जाने का प्रयास कर रहा था कि ‘यहां डॉक्टर नहीं हैं…इलाज में देर होती है…बाहर वाले अस्पताल में सस्ता और अच्छा इलाज मिल जाएगा।’
सुरक्षा सुपरवाइजर लघु शर्मा को तुरंत सूचना दी गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को पकड़ लिया और सिस चौकी के माध्यम से सिटी कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सिम्स में लंबे समय से कुछ निजी अस्पतालों से जुड़े दलाल सक्रिय हैं। ये लोग खुद को मददगार बताकर मरीजों से संपर्क करते हैं और झूठे दावे करते हैं कि सिम्स में इलाज नहीं होता, डॉक्टर नहीं मिलते, इलाज नहीं हो पाएगा। ऐसे में कई मरीज और उनके परिजन इनकी बातों में आकर ‘लामा’ यानी अस्पताल के डॉकटरों की सहमति बिना निजी अस्पताल चले जा रहे हैं। वहां फिर इलाज के नाम पर ठगी का सिलसिला चलने लगता है।
यह पहली बार नहीं है जब सिम्स में इस तरह की गतिविधियां सामने आई हैं। सालों से दर्जनों बार ऐसे दलालों की शिकायतें आई हैं जो मरीजों को यह कहकर बाहर भेज देते हैं कि सिम्स में इलाज ठीक नहीं होता या यहां डॉक्टर नहीं हैं। प्रबंधन की लापरवाही के चलते ये दलाल हिम्मत जुटाकर फिर लौट आते हैं।
बीते दिनों सिम्स पुलिस चौकी के पास एक प्राइवेट एबुलेंस चालक और निजी अस्पताल के दलाल के बीच जमकर बहस हो गई। मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में गाली-गलौज तक की नौबत आ गई। घटना के दौरान सिस परिसर में मौजूद सुरक्षा गार्ड मूकदर्शक बने रहे, जबकि चौकी में उस समय एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।
बताया जा रहा है कि देर रात ऐसे विवाद आए दिन देखने को मिलते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने सिम्स प्रशासन और पुलिस विभाग से चौकी में रात के समय नियमित पुलिसकर्मी की तैनाती की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सिम्स प्रबंधन ने सभी वार्डों में नियमित गश्त बढ़ा दी है। सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को तुरंत पकडकऱ चौकी में सौंपा जाए। साथ ही, लोगों से भी अपील की है कि वे किसी अजनबी पर भरोसा न करें और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना सुरक्षा विभाग को दें।
मरीजों का हित सर्वोपरि है। जो भी व्यक्ति सिस की छवि खराब करने या मरीजों को गुमराह करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा टीम की तत्परता प्रशंसनीय है। - डॉ. रमणेश मूर्ति, डीन सिम्स।
यह गंभीर अपराध है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, ऐसे में बाहरी हस्तक्षेप किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। मरीजों को भ्रमित करने वालों पर प्रबंधन सख्त निगरानी रख रहा है। - डॉ. लखन सिंह, एमएस सिम्स।