CG Congress: कांग्रेस के भीतर मचे घमासान और गतिरोध के बीच पीसीसी (PCC) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी आज बिलासपुर पहुंची। इस कमेटी में वरिष्ठ कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू, अरुण वोरा और महेंद्र छाबड़ा शामिल रहे।
CG Congress: बिलासपुर जिला और शहर कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रदेश स्तरीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी सोमवार को बिलासपुर पहुंची। कमेटी में शामिल सीनियर कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू, अरुण वोरा और महेंद्र छाबड़ा ने शिकायतों को लेकर पार्टी पदाधिकारियों, नेताओं से वन टू वन चर्चा की और आरोपों व कार्रवाई की सच्चाई जाननी चाही। कांग्रेस भवन में जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण द्वारा की गई कार्रवाई से प्रभावित तमाम नेता और शिकायतकर्ता फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होंने बंद कमरे में बारी- बारी से अपना पक्ष कमेटी के समक्ष रखा।
कमेटी ने जांच के दौरान शिकायतों व कार्रवाई के आधार की भी बारीकी से जांच की और संगठन के अधिकारों का भी पक्ष सुना। प्रारंभिक जांच में ज्यादातर शिकायतों व कार्रवाई के पीछे फोटो, वीडियो साक्ष्य को आधार बनाया गया है। हालांकि, जांच में इन तमाम साक्ष्यों को लेकर भी अलग- अलग बातें सामने आई है। निष्कासित नेताओं ने इसपर अपना पक्ष रखते हुए खुद को पार्टी के प्रति निष्ठावान बताया है और संगठन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए।
कमेटी के संयोजक धनेंद्र साहू ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि कमेटी ने निष्कासित नेताओं से बंद कमरे में चर्चा कर उनका पक्ष सुना गया है। इसके साथ ही जिला संगठन के पदाधिकारियों से निष्कासन के पीछे की वजहों, प्रस्तुत तथ्यों- प्रमाणों की विस्तृत जानकारी ली गई है। धनेंद्र साहू ने स्पष्ट किया कि कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी। कार्रवाई पर अंतिम फैसला पीसीसी करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका काम निष्पक्षता से रिपोर्ट तैयार करना है, न कि निर्णय लेना। प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल को लेकर मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष अच्छा काम कर रहे हैं। अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने से इंकार करते हुए साहू ने कहा कि संगठन में बदलाव का फैसला पूरी तरह से हाईकमान पर निर्भर है। अगर छत्तीसगढ़ में कोई बदलाव करना होगा, तो वह भी उचित समय पर हो जाएगा।
कुछ निष्कासित नेताओं ने कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष का नतीजा बताते हुए निकाय और पंचायत चुनाव में टिकट वितरण में स्थानीय स्तर पर मनमानी का आरोप लगाया। इसमें प्रदेश स्तर से फाइनल नाम तय होने के बाद भी प्रत्यशियों की लिस्ट में बार बार बदलाव का मुद्दा उठा। साथ ही निष्ठावान और जीतने की क्षमता को दरकिनार कर निजी आधार पर टिकट देने की भी शिकायत हुई। कुछ ने अब तक के पार्टी में अपनी निष्ठा और चुनाव प्रचार में लगातार सक्रिय रहने के आधार पर प्रमाण सहित पक्ष रखा। बताया जा रहा है कि इस दौरान संगठन के नेताओं पर मनमानी के भी आरोप लगाए गए हैं।
विधानसभा सत्र के कारण विधायक अटल श्रीवास्तव कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाए। उनसे रायपुर में ही चर्चा कर पक्ष लिया जाएगा। कमेटी के समक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता अभय नारायण राय, प्रदेश सचिव त्रिलोक श्रीवास, महिला कांग्रेस की पूर्व शहर अध्यक्ष सीमा पांडे, पूर्व मेयर रामशरण यादव ने अपनी बात रखी।
संगठन की ओर से जिलध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पांडे, जावेद मेमन ,विनोद साहू अरविंद शुक्ला आदि शामिल थे।इसके अलावा जिला पंचायत के नवनिर्वाचित सदस्य राजेंद्र धीवर, राजेंद्र शुक्ला, अंकित गौराहा, झगर राम सूर्यवंशी, भुनेश्वर यादव व अन्य ने भी मुलाकात की।