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लॉरेंस बिश्नोई केस में गिरफ्तारी की धमकी…पूर्व RPF कर्मचारी से हुई 6 लाख से अधिक की ठगी, जानें पूरा मामला

Fraud News: आसमा सिटी में रहने वाले आरपीएफ से सेवानिवृत्त कर्मचारी से जालसाजों ने खुद को टेलीकॉम विभाग का कर्मचारी और मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर 6 लाख 30 हजार रुपए ठग लिए।

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Cyber ​​Fraud (Patrika: Photo)

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Fraud News: बिलासपुर जिले के सकरी थाना क्षेत्र में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां आसमा सिटी में रहने वाले आरपीएफ से सेवानिवृत्त कर्मचारी से जालसाजों ने खुद को टेलीकॉम विभाग का कर्मचारी और मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर 6 लाख 30 हजार रुपए ठग लिए।

ठगों ने पीड़ित को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े केस में गिरफ्तारी की धमकी देकर डराया और रकम ट्रांसफर करा ली। रुपए मिलते ही आरोपियों ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिए। पीडि़त दिवाकर मंडल (61), आरपीएफ के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 2 नवंबर की सुबह करीब 8 बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम कार्यालय का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर मुंबई में एक कनाडाई बैंक में खाता खोला गया है, जिसका उपयोग अवैध लेनदेन में किया गया है।

वारंट जारी होने की दी जानकारी

जालसाजों ने दावा किया कि पीडि़त के नाम से गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है और यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद ठगों ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि उनके बैंक खाते में मौजूद रकम को एक विशेष खाते में ट्रांसफर करना होगा, ताकि पैसे को ट्रैक कर असली अपराधियों तक पहुंचा जा सके। साथ ही, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी को भी जानकारी न देने की सख्त हिदायत दी गई।

आरटीजीएस करने के बाद सभी मोबाइल बंद

ठगों के झांसे में आकर दिवाकर मंडल ने 6 नवंबर को आरटीजीएस के माध्यम से 6 लाख 30 हजार रुपए आरोपियों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। रुपए भेजने के बाद जब उन्होंने दोबारा संपर्क करने की कोशिश की तो सभी मोबाइल नंबर बंद मिले। तभी उन्हें ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित की शिकायत पर सकरी पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(4) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर डराया

इसके बाद कॉल को दूसरे व्यक्ति से कनेक्ट किया गया, जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसने कहा कि दिवाकर मंडल का नाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया है और उन्हें लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े केस में फंसाया गया है। ठगों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए पीडि़त को उनके आधार और पैन कार्ड की कॉपी दिखाकर भरोसा जीत लिया।