बिलासपुर

युवती के कहने पर युवक के साथ बार-बार बनाए संबंध, बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, कहा- ये रेप नहीं..

CG High Court: बिलासपुर छग हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति से संबंध बनें, तो यह रेप नहीं है। कोर्ट ने रेप के आरोप में 10 साल की सजा काट रहे सीएएफ के जवान को बरी कर दिया।

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जमानत (photo-patrika)

CG High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर छग हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति से संबंध बनें, तो यह रेप नहीं है। कोर्ट ने रेप के आरोप में 10 साल की सजा काट रहे सीएएफ के जवान को बरी कर दिया। जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की एकलपीठ ने कहा कि यह मामला प्रेम संबंध का था, न कि झूठे विवाह का वादा कर दुष्कर्म का।

सुनवाई में कोर्ट ने पाया कि पीड़िता बालिग थी और लंबे समय तक अपनी मर्जी से जवान के साथ रही। दोनों के बीच सहमति से संबंध बने, इसलिए इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट बस्तर के 21 फरवरी 2022 को दिए गए फैसले को रद्द कर दिया।

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CG High Court: यह है मामला

बस्तर जिला निवासी रूपेश कुमार पुरी (25) के खिलाफ साल 2020 में पीड़िता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, पीड़िता की शादी 28 जून 2020 को किसी दूसरे युवक से तय हुई थी, लेकिन उससे एक दिन पहले 27 जून 2020 को रूपेश उसे अपने घर ले गया।

शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। आरोप था कि जवान ने उसे दो महीने तक अपने घर में रखा और बाद में शादी से इनकार कर घर से निकाल दिया। शिकायत पर पुलिस ने धारा 376(2)(एन) के तहत मामला दर्ज किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट जगदलपुर ने 2022 में रूपेश को 10 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया था।

Updated on:
14 Oct 2025 06:52 pm
Published on:
14 Oct 2025 02:06 pm
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