CG High Court: नोटिस और दस्तावेजों की डिलीवरी की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी। हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 225 और 227 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए नियम 2007 में बदलाव किया है।
CG High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कोर्ट से जुड़े नोटिस और दस्तावेज रजिस्टर्ड डाक के बजाय अब स्पीड पोस्ट से भेजे जाएंगे। इससे नोटिस और दस्तावेजों की डिलीवरी की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी। हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 225 और 227 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए नियम 2007 में बदलाव किया है।
हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार नोटिस सहित अन्य दस्तावेज अब रजिस्टर्ड डाक की जगह स्पीड पोस्ट से भेजे जाएंगे। नियम 163(1) में रजिस्टर्ड डाक पावती शब्द हटाकर केवल पावती शब्द रहेगा। आमतौर पर रजिस्टर्ड से नोटिस और दस्तावेज भेजने पर पक्षकार या सरकारी विभाग के अफसर बहानेबाजी करते थे।
कोर्ट में इस आधार पर छूट पाने की कोशिश की जाती थी कि उन्हें नोटिस देर से मिला। लेकिन, अब स्पीड पोस्ट शुरू होने से इस तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। साथ ही लापरवाही पर जवाबदेही भी तय की जा सकेगी।
प्रक्रिया तेज-पारदर्शी बनाने व्यवस्था
नई व्यवस्था से नोटिस और दस्तावेजों के डिलीवरी की प्रक्रिया पहले से तेज और पारदर्शी होगी। इसके साथ ही न्यायिक कार्यवाही में भी तेजी आएगी। नई व्यवस्था से हाईकोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया तेजी से निपटाई जा सकेगी।