बिलासपुर

CG News: हाईकोर्ट ने उठाया सवाल… मवेशियों को गौठान या चारागाह में भेजने की व्यवस्था क्यों नहीं?

CG News: बिलासपुर प्रदेश की खराब सड़कों और मवेशियों के जमावड़े के लिए हाईकोर्ट ने राज्य शासन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगर निगम की विफलता पर सवाल उठाए हैं।

2 min read

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर प्रदेश की खराब सड़कों और मवेशियों के जमावड़े के लिए हाईकोर्ट ने राज्य शासन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगर निगम की विफलता पर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि निगम सिर्फ दिखाने के लिए पेट्रोलिंग और मवेशी हटाने की कार्रवाई न करे, बल्कि समस्या के स्थायी समाधान की जरूरत है। मवेशियों को गौठान या चारागाह में भेजने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है?

CG News: नेशनल हाईवे की खराब सड़कों पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि एनएचएआई पर सड़क सुधार का जिमा है। सड़कों पर मवेशी विचरण पर नगर निगम और शासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सिर्फ दिखाने के रेडियम बेल्ट लगाने और मवेशी पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है। मवेशियों को प्रदेश में बने चारागाह और गौठान भेजना चाहिए। पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग, शासन और नगर निगम को शपथपत्र पर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

CG News: प्राधिकरण का तर्क- चरणबद्ध करनी पड़ेगी जिओ टैगिंग

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन से पूछा कि सडकों पर लगातार मवेशी नजर आते हैं। इसकी रोकथाम करने नगर निगम, पालिका परिषद वगैरह क्या कर रहे हैं? राजमार्ग प्राधिकरण ने कहा कि मवेशी हटाने और जिओ टैगिंग की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से नगरपालिका स्तर से करनी पड़ेगी। यूपी, जमू- कश्मीर जैसे राज्यों में इसी तरीके से सड़कों से मवेशी हटाने की शुरुआत की गई थी।

प्राधिकरण ने यह सुझाव भी दिया कि आधार कार्ड में अन्य जानकारी की तरह मवेशी रखने की जानकारी भी शामिल की जाए। इससे पशुपालकों और मवेशियों के मालिक की पहचान हो सकेगी। राज्य शासन ने प्रदेश में 63 निजी गोशालाएं और उन्हें अनुदान मिलने की जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने गौशालाओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

लगातार फटकार लगाई जा रही कोर्ट द्वारा

पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी पर ही सडकों के सुधार का दायित्व है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में बीच सड़क पर बैठे हुए मवेशियों से या अचानक हाईवे या दूसरे मुख्य मार्गों पर आ जाने से बड़े हादसे हो जाते हैं।

डिवीजन बेंच ने सारे नगर निगमों के अफसरों को तलब किया था। आवारा मवेशियों की संख्या पूछते हुए यह निर्देश भी दिया कि शासन मवेशियों को हटाने के लिए चरवाहों का इंतजाम करे और जवाबदार मालिकों पर पेनाल्टी लगाए।

Published on:
05 Oct 2024 10:38 am
Also Read
View All

अगली खबर