Navratri 2025: तीन करोड़ की लागत से राजस्थानी महल की थीम पर दुर्गा पंडाल का निर्माण करा रहा है। कोलकाता, राजस्थान व बेंगलुरु से आई विशेषज्ञों की टीम के नेतृत्व में 100 से अधिक कारीगर दो माह से लगे हुए हैं।
Navratri 2025: आदर्श दुर्गोत्सव समिति अपने गठन के गोल्डन जुबली (50) वर्ष पर इस बार गोंड़पारा में तीन करोड़ की लागत से राजस्थानी महल की थीम पर दुर्गा पंडाल का निर्माण करा रहा है। कोलकाता, राजस्थान व बेंगलुरु से आई विशेषज्ञों की टीम के नेतृत्व में 100 से अधिक कारीगर दो माह से लगे हुए हैं। इसमें 3 किमी लबी आकर्षक लाइटिंग के साथ ही 1.5 किमी लंबे और 40 फीट ऊंचे वाटर फाउंटेन पर लेजर शो होगा। केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी और द्वारका धाम की झलक देखने को मिलेगी।
आदर्श दुर्गोत्सव समिति इस बार आयोजन पर 3 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। समिति के मयंक मिश्रा ने बताया कि यह खर्च केवल दिखावे के लिए नहीं बल्कि शहर के लोगों को देश के बड़े दुर्गा उत्सवों जैसी अनुभूति देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उनका कहना है कि 50 साल पूरे होने का अवसर हमारे लिए गर्व का विषय है। इस बार का आयोजन विशेष होगा।
इस बार दुर्गा उत्सव केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि धार्मिक अनुभूति को और गहरा करने के लिए चार धाम की झांकी भी तैयार की जा रही है। इसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी और द्वारका धाम की झलक देखने को मिलेगी। इसके अलावा काली मैया, भगवान शिव और नरसिंह अवतार की झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। हर दिन अलग-अलग थीम के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति कराई जाएगी।
इस बार का पंडाल विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। पंडाल की थीम को राजस्थान के महलों पर आधारित रखा है। पंडाल की ऊंचाई लगभग 25 फीट और चौड़ाई करीब 50 फीट होगी।
दशहरा पर्व को भी विशेष रूप से मनाया जाएगा। इस दिन रावण दहन के साथ पारंपरिक रामलीला का आयोजन होगा। समिति ने बताया आयोजन परंपराओं को जीवंत रखने का माध्यम बनेगा।
21 सितंबर की रात को प्रसिद्ध भजन गायक दुकालू यादव का जगराता होगा। इसके बाद रात को विशेष आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। रोड पर इस तरह की आतिशबाजी पहली बार होगी, जिसमें विभिन्न डिजाइन और रंगों का प्रयोग किया जाएगा।
22 सितंबर को एक विशेष शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें महिलाएं 3.5 किलोमीटर लंबी साड़ी लेकर चलेंगी। इस यात्रा का उद्देश्य धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक एकता और आत्मीयता का संदेश देना है। यात्रा पुराने पंडाल से शुरू होकर नए पंडाल तक जाएगी और वहां मूर्ति की स्थापना होगी।
कोलकाता से आए 100 से अधिक कारीगर दो माह से लगातार पंडाल निर्माण के साथ ही सजावट का काम कर रहे हैं। आयोजन स्थल पर तीन बड़े हॉल तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें अलग-अलग हिस्सों में सजावट की जा रही है। आयोजन समिति के अध्यक्ष जवाहर सराफ ने बताया कि पंडाल का अधिकांश हिस्सा अंतिम चरण में है।
कोलकाता के प्रसिद्ध चंदनपुर की लाइटिंग टीम को बुलाया गया है, जो पूरे 3 किलोमीटर क्षेत्र में शानदार लाइटिंग कर रहे हैं। इसमें न्यू रिवर व्यू, ओल्ड रिवर व्यू, गोलबाजार तक कवर किया जाएगा।
इस बार का सबसे बड़ा आकर्षण होगा 1.5 किलोमीटर लंबा लेजर शो। बेंगलुरु से विशेष टीम को बुलाया गया है, जो नदी किनारे यह शो प्रस्तुत करेगी। इसके लिए विशेष वाटर फाउंटेन भी लगाया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 40 फीट तक होगी। फाउंटेन की पानी की धार पर लेजर शो चलाया जाएगा। भारत में अब तक केवल प्रयागराज के महाकुंभ और अयोध्या में ऐसा आयोजन हुआ है। अब तीसरा हमारा शहर होगा जहां इतना विशाल लेजर शो होगा। शो हर घंटे में चार बार 15-15 मिनट तक चलेगा।