बिलासपुर

CG News 200 करोड़ के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को अब निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, 1 साल पहले पीएम ने किया था उद्घाटन

CG News: सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की भर्ती करना चाहती है, जबकि ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टर निजी क्षेत्र में 5 से 7 लाख रुपए प्रतिमाह की मांग करते हैं। परिणामस्वरूप न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ब्रेन समेत अन्य विभागों के ऑपरेशन थिएटर अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।

2 min read
Oct 24, 2025

CG News: @ मोहन सिंह ठाकुर। करीब 200 करोड़ रुपए की लागत से बना कोनी स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को अब निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। दरअसल, डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ की भारी कमी के कारण अस्पताल शुरू होने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है।

एक वर्ष पूर्व आनन-फानन में अस्पताल का उद्घाटन कर केवल ओपीडी जांच की सुविधा शुरू की गई थी। अधिकारियों के अनुसार, सरकार 1.5 से 2 लाख रुपए वेतन पर सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की भर्ती करना चाहती है, जबकि ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टर निजी क्षेत्र में 5 से 7 लाख रुपए प्रतिमाह की मांग करते हैं। परिणामस्वरूप न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ब्रेन समेत अन्य विभागों के ऑपरेशन थिएटर अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। 11 मंजिला इस आधुनिक अस्पताल में महंगी मशीनें निष्क्रिय पड़ी हैं और मरीजों को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में अब शासन अस्पताल का संचालन निजी संस्था को सौंपकर मरीजों को सुपर स्पेशलिटी सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

जगदलपुर के हॉस्पिटल का संचालन के लिए जिस तरह निजी कंपनी के साथ समझौता हुआ है, उसी तरह से कोनी मल्टी स्पेशलिटी को देने की चर्चा है, लेकिन अब तक शासन स्तर से इसके लिए कोई पत्र प्रबंधन को नहीं मिला है। यदि कोल इंडिया या एनटीपीसी सहयोग करेगी तो यह संभव हो सकता है। -डॉ. बीपी सिंह, अधीक्षक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल कोनी

पीपीपी मॉडल के तहत कोनी हॉस्पिटल को निजी संस्था के साथ चलाने के लिए दिया जाएगा। इसमें डॉक्टर स्टाफ कंपनी का होगा लेकिन नियंत्रण सरकार का वर्तमान में डॉक्टरों की उपलब्धता नहीं होने के कारण अस्पताल का संचालन पूर्ण तरीके से नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पीपीपी मॉडल के तहत निजी कंपनी से समझौता किया जाएगा। इसके लिए पत्राचार किया गया है। -सुशांत शुक्ला, विधायक बेलतरा

11 मंजिला अस्पताल में ये सुविधाएं मौजूद

11 मंजिला इस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन, एमआरआई, डिजिटल एक्स-रे, कलर डॉपलर और टीएमटी मशीन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। इसमें 240 बेड हैं, जिनमें से 70 आईसीयू और आईसीसीयू बेड हैं। अस्पताल में आठ मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का भी निर्माण किया गया है। अस्पताल में न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, पल्मोनोलॉजी और जनरल मेडिसिन जैसे चार ओपीडी सेवाएं तो शुरू हुईं, लेकिन एक साल में एक भी मरीज यहां भर्ती नहीं कर पाए।

80 प्रतिशत ठेकेदार का, 20 प्रतिशत सरकार का

200 करोड़ से बने इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज के लिए अब मरीजों को पैसे भी देने होंगे। जानकारी के मुताबिक इसका 80 प्रतिशत हिस्सा ठेका कंपनी को जाएगा और 20 प्रतिशत राशि शासन के फंड पर। यानी यह बिलासपुर में स्थित अपोलो जैसा बन जाएगा। हालांकि अफसरों का कहना है कि यहां आयुष्मान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जरूरतमंद मरीजों का इलाज आयुष्मान कार्ड से होगा, लेकिन जिसके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होगा, उसे उपचार के बदले राशि चुकानी पड़ेगी।

जगदलपुर अस्पताल भी दिया गया है निजी कंपनी को

शासन ने जगदलपुर में स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को पहले ही संचालन के लिए कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल के साथ समझौता किया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पताल निजी हाथों में है। इस अस्पताल का निर्माण लगभग 211 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था और यह बस्तर संभाग का इकलौता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है। निजी कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर भी कर दिए गए हैं।

Published on:
24 Oct 2025 11:12 am
Also Read
View All

अगली खबर