Raut Nacha Festival: बिलासपुर जिले में गड़वा बाजा, मुरली की तान, रंगबिरंगा झबला पहने, सिर पर कलगीदार मुकुट, कान में बाली, होठों पे लाली, हाथ में डंडा और तुलसी-कबीर के दोहों को कवित्त रूप में बखान करते यदुवंशियों का शौर्य प्रदर्शन के साथ पारंपरिक नृत्य।
Raut Nacha Festival: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गड़वा बाजा, मुरली की तान, रंगबिरंगा झबला पहने, सिर पर कलगीदार मुकुट, कान में बाली, होठों पे लाली, हाथ में डंडा और तुलसी-कबीर के दोहों को कवित्त रूप में बखान करते यदुवंशियों का शौर्य प्रदर्शन के साथ पारंपरिक नृत्य। यह नजारा था शहर के लालबहादुर शास्त्री में शनिवार को आयोजित 47वां राउत नाचा महोत्सव का।
Raut Nacha Festival: शुभारंभ अवसर पर विष्णुदेव साय को नाचा की पारंपरिक वेशभूषा पहनाकर स्वागत किया गया। उन्होंने नाचा राउत के शौर्य, गौरव और समृद्धि को सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक बताया। सीएम ने कहा कि यादव समाज एकता के सूत्र में बंध कर उत्तरोत्तर विकास करें और बेहतर शिक्षा प्राप्त करें, यही कामना है। राउत नाचा महोत्सव इसी भव्यता के साथ हमेशा आयोजित होता रहे।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि राउत नाचा महोत्सव हमारे छत्तीसगढ़ के संस्कृति की पहचान और छत्तीसगढ़ के गौरव का प्रतीक है। इस दौरान गड़वा बाजा की धुन पर नर्तक दलों ने अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार का अद्भुत संगम दिखाते हुए एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। जिसे देखने के लिए देर रात तक हजारों लोग मौजूद रहे।