Bilaspur High Court: कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार और समाज मिलकर समाधान नहीं करेंगे तो सड़कें हादसों का जाल बनी रहेंगी और लोगों व मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा। सड़कों पर मवेशी न हों, इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मिलकर काम करें।
Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने शहर और हाईवे पर आवारा मवेशियों की वजह से लगातार हो रहे हादसों पर कड़ी नाराजगी जताई है। हाल ही में रतनपुर रोड पर देर रात हुए सड़क हादसे में 8 गायों की मौत पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन सिर्फ योजनाएं बनाकर जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकते, जमीन पर उसका असर भी दिखना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार और समाज मिलकर समाधान नहीं करेंगे तो सड़कें हादसों का जाल बनी रहेंगी और लोगों व मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा। सड़कों पर मवेशी न हों, इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मिलकर काम करें। हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को इसके लिए शपथ पत्र पर जवाब देने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है। सड़क पर मवेशियों की मौतों के मामलों पर हाईकोर्ट ने कहा है कि आप वेलफेयर स्टेट हैं, आपकी जिम्मेदारी है कि पंचायत से लेकर नगर निगम और प्रशासन तक सभी मिलकर समाधान निकालें।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शहर के साथ ही हाईवे पर बैठे मवेशियों की वाहनों की चपेट में आने से मौत की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सड़कों पर मवेशियों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जयरामनगर रोड पर ट्रेलर से 14 मवेशी कुचले गए, जिसमें 10 की मौत हो गई। इससे पहले गतौरा में 8 मवेशी मारे गए थे। 17 सितंबर की रात करीब 1.10 बजे रतनपुर रोड पर हादसे में कई गायों की जान गई।
मुख्य सचिव सभी सुझावों पर पुनर्विचार कर लागू करें।
यह सुनिश्चित किया जाए कि शहर और हाईवे पर मवेशी न दिखें।
मवेशियों के लिए स्थायी आश्रय, पानी और चारे की व्यवस्था की जाए।
पंचायत से लेकर निगम तक सभी जिमेदार इकाइयों को सक्रिय किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि सरकार फंड देती है, अधिकारी नियुक्त करती है, लेकिन अगर वही ड्यूटी नहीं निभा रहे तो जिम्मेदार कौन है? आप गर्व करते हैं कि हाईवे और चौड़ी सड़कें बना लीं, लेकिन उन पर मवेशी मर रहे हैं, लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। यह कैसी व्यवस्था है? 2000 मवेशियों को सड़क से उठाने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत यह है कि दिखावे के लिए ट्रक में 10 जानवर रखे और अगले दिन छोड़ दिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक समस्या भी है। मामले में एनएचएआई, बिलासपुर कलेक्टर और रतनपुर नपा के सीएमओ की तरफ से शपथ पत्र दिया गया है।