Dharmendra Biggest Fan: धर्मेंद्र के दुनियाभर में करोड़ों फैंस हैं, लेकिन उनका सबसे बड़ा फैन कौन है? इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं। चलिए आपको एक्टर के सबसे बड़े फैन से मिलवाते हैं।
Dharmendra Biggest Fan Kissa: बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 की उम्र में उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। लंबे समय से वह बीमार थे। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर पर ही उनका इलाज चल रहा था। लेकिन आज सोमवार (24 नवंबर) को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने दुनिया को अलविदा (Dharmendra Passed Away) कह दिया।
धर्मेंद्र के जाने से सिर्फ उनका परिवार ही नहीं, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री और करोड़ों फैंस सदमे में हैं। विले पार्ले श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां हेमा मालिनी, बेटी ईशा देओल और सनी देओल के अलावा कई बड़े सेलेब्स भी नजर आए। इनमें अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान, सलीम खान, अनिल कपूर, अक्षय कुमार, रेखा, आमिर खान नजर आए।
वैसे तो धर्मेंद्र के फैंस दुनिया भर में हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं? एक्टर (Dharmendra) का से सबसे बड़ा फैन कौन है? तो आइए, आपको मिलवाते हैं उस शख्स से, जो सालों से धर्मेंद्र के लिए अपनी जिंदगी समर्पित किए बैठा है…
“कनेक्शन भी न कमाल की चीज है, हो गया तो हो गया।” यह डायलॉग 2016 में आई शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ का है, लेकिन असल जिंदगी में भी ऐसे कनेक्शन होते हैं।
करीब 60 साल पहले अजमेर के एक सिनेमाघर में चार साल का नन्हा बच्चा अपने माता-पिता के साथ धर्मेंद्र की फिल्म ‘आई मिलन की बेला’ देख रहा था। बच्चे का नाम था विजय कुमार प्यारेलाल। पर्दे पर धर्मेंद्र को देखते ही कनेक्शन हो गया। इसके बाद उनकी जिंदगी धर्मेंद्र के इर्द-गिर्द घूमने लगी। स्कूल से भागकर फिल्में देखते, घर में मार भी पड़ती थी।
12 साल की उम्र में विजय ने धर्मेंद्र जैसा हेयर स्टाइल रखना शुरू कर दिया। स्कूल खत्म होने के बाद वेस्टर्न रेलवे में नौकरी लगी और वे मुंबई आ गए। काफी कोशिशों के बाद एक जन्मदिन पर वे धर्मेंद्र से मिल पाए। धर्मेंद्र इतने प्रभावित हुए कि इसके बाद विजय हर साल 8 दिसंबर को उनसे मिलने जाने लगे।
विजय बताते हैं कि धर्मेंद्र ने कहा था– एक मैगजीन की टैलेंट हंट प्रतियोगिता ने उन्हें इंडस्ट्री में एंट्री दिलाई थी। विजय ने सालों की तलाश के बाद मुंबई के चोर बाजार से वह मैगजीन और 1960 के शुरुआती इंटरव्यू की लैमिनेटेड कॉपियां खरीदीं। जब धर्मेंद्र को ये बात पता चली तो उन्होंने अपने पूरे परिवार को बुलाकर वे चीजें दिखाईं और मुझसे मिलवाया। इसके बाद खुशी से गदगद विजय, धर्मेंद्र की फिल्मों के पोस्टर, पोस्टकार्ड इकट्ठा करने लगे। आज तक उन्होंने (विजय) लाखों रुपए खर्च कर दिए।
सबसे पहला पोस्टर जो उन्होंने खरीदा, वह 1964 की फिल्म ‘मेरा कसूर क्या है’ का था। अपनी दोनों बेटियों के नाम भी धर्मेंद्र की फिल्मों पर रखे- अनुपमा और ममता। उनकी कॉफी-टेबल बुक ‘अ ड्रीम कम ट्रू–धर्मेंद्र’ में धर्मेंद्र की सभी फिल्मों की जानकारी के साथ दुर्लभ पोस्टर, पोस्टकार्ड और अन्य यादगार चीजें संकलित हैं।
फिल्म पत्रकार: रवि बुले