Saif Ali Khan Medical Claim: सैफ अली खान पर हमले के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अब इसके बाद उनके मेडिकल क्लेम पर सवाल खड़े हो गए हैं।
Saif Ali Khan Medical Claim: सैफ अली खान पर 16 जुलाई को एक चोर ने चाकू से 6 वार किए थे। उन्हें लहुलुहान हालत में मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल लेकर जाया गया था। जहां उनका कई घंटे तक ऑपरेशन चला और अब उनकी हालत में सुधार है। ऐसे में सोशल मीडिया पर सैफ अली खान की मेडिकल क्लेम का पेपर वायरल हो रहा है। इसमें दिखाया गया है कि सैफ अली खान ने अपने इलाज के लिए अपनी बीमा कंपनी पर 36 लाख का मेडिक्लेम किया है और बीमा कंपनी ने 25 लाख रुपए अप्रूव भी कर दिए है। अब सोशल मीडिया पर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के हेल्थ इंश्योरेंस के डॉक्यूमेंट्स (Health Insurance Documents) से खलबली मच गई है। इन डॉक्यूमेंट्स के सामने आने के बाद मुंबई के एक डॉ. प्रशांत मिश्रा (Cardiac Surgeon Dr. Prashant Mishra) ने बीमा कंपनियों पर सवालों की बारिश कर दी है। डॉक्टर का कहना है कि छोटे अस्पताल और आम आदमी के लिए बीमा कंपनी 5 लाख रुपए से ज्यादा का क्लेम कभी नहीं देती है।
सैफ अली खान पिछले 5 दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। पहले उन पर हुए हमले और उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए थे, वहीं, अब उनके मेडिकल क्लेम पर सवाल उठ रहे हैं। सैफ अली खान के जो डॉक्यूमेंट वायरल हुए हैं, उनमें लिखा है कि बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने 35.95 लाख रुपए के कैशलेस ट्रीटमेंट का दावा किया है, लेकिन बीमा कंपनी ने सिर्फ 25 लाख रुपए ही अप्रूव किए हैं। इसी पूरे लीक डॉक्यूमेंट पर मुंबई के कार्डियक सर्जन डॉ. प्रशांत मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी बीमा कंपनी इतना बड़ा इंश्योरेंस क्लेम नहीं देती। प्रशांत मिश्रा ने X पर लिखा, “छोटे अस्पताल और आम आदमी के ट्रीटमेंट के लिए निवा बूपा (बीमा इंश्योरेंस कंपनी) 5 लाख रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर नहीं करेगी। जबकि फाइव स्टार हॉस्पिटल बहुत ज्यादा पैसे ले रहे हैं और मेडिक्लेम कंपनियां भी इनका पेमेंट कर रही हैं। परिणाम- प्रीमियम बढ़ रहे हैं और मिडिल वर्ग पीड़ित है।”
बता दें, सैफ अली खान के मेडिक्लेम की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। वहीं, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी जहां पर सैफ के मेडिक्लेम का दावा किया जा रहा है उन्होंने दावों की पुष्टि को कंफर्म किया और कहा, “सैफ के अस्पताल में भर्ती होने पर हमें एक कैशलेस प्री-ऑथराइजेशन एप्लीकेशन भेजा गया था और हमने इलाज शुरू करने के लिए एक प्राइमरी अमाउंट देने पर परमिशन दे दी है।”