Sonu Nigam Controversy: सिंगर सोनू निगम को कर्नाटक हाई कोर्ट ने कन्नड़ समुदाय के कथित तौर पर अपमान करने के मामले में राहत दी है। मगर इसके साथ उन्होंने एक शर्त भी रखी है।
Sonu Nigam Controversy: कन्नड़ समुदाय के कथित तौर पर अपमान करने के केस में सिंगर सोनू निगम को कोर्ट से राहत मिली है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने फेमस सिंगर को कुछ राहत देते हुए कहा है कि जब तक वो जांच में सहयोग करेंगे, राज्य सरकार की और से उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
ये राहत तब मिली जब सोनू निगम ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
पिछले महीने बेंगलुरु में एक कॉन्सर्ट के दौरान सोनू निगम ने स्टेज से कहा कि एक छात्र ने उन्हें कन्नड़ गाना गाने के लिए "धमकी" दी। उन्होंने कहा-“मैंने कई भाषाओं में गाया है, लेकिन सबसे अच्छे गाने कन्नड़ में गाए हैं। मैं जब भी कर्नाटक आता हूं, सम्मान के साथ आता हूं। लेकिन किसी बच्चे ने, जो मेरी उम्र के अनुभव के बराबर भी नहीं है, मुझे धमकाया, ये मुझे ठीक नहीं लगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “ऐसे ही बर्ताव की वजह से पहलगाम जैसे हमले होते हैं।” सिंगर की यही टिप्पणी सबसे विवादित साबित हुई। कर्नाटक रक्षण वेदिके के अध्यक्ष धर्मराज अनंतैया ने इस टिप्पणी को लेकर पुलिस में शिकायत दी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई। सोनू निगम पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर भावनाएं भड़काईं, सार्वजनिक शांति भंग करने की कोशिश की, कन्नड़ समुदाय की भावनाओं को आहत किया।
वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सोनू निगम के खिलाफ 'नो कोऑपरेशन कैंपेन' की घोषणा की। संगठन की मांग है कि जब तक सोनू सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, उनका बहिष्कार जारी रहेगा।
सोनू निगम ने बाद में सोशल मीडिया पर माफी मांगते हुए लिखा- “सॉरी कर्नाटक। मेरा प्यार मेरे अहंकार से बड़ा है। हमेशा प्यार रहेगा।”
जबकि पहले सिंगर सोनू निगम ने कहा था- “मैं 51 साल का हूं, अब किसी भी युवा से सार्वजनिक अपमान सहने की उम्र में नहीं हूं। वो भाषा जो मेरे काम की दूसरी सबसे प्रिय भाषा है, उसी के नाम पर मुझे धमकाना ठीक नहीं।”