गणेश आचार्य को 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट कोरियोग्राफर का अवॉर्ड मिला है।
बॉलीवुड के फेसम कोरियोग्राफर गणेश आचार्य के नाम को आज किसी पहचान की जरुरत नहीं है। गणेश आचार्य को 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट कोरियोग्राफर का अवॉर्ड मिला है। यह अवॉर्ड उन्हें अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' के गाने ‘गोरी तू लठ्ठ मार…’ को कोरियोग्राफ करने के लिए मिला है। वह आज जिस शोहरत को एंजॉय कर रहे हैं वहां तक पहुंचने का उनका ये सफर बहुत ही मुश्किलों भरा रहा है। आज हम आपको उनके जीवन के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जिनको पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे।
अधूरा रह गया पिता के डांस गुरु बनने का सपना:
गणेश आचार्य के पिता कृष्णागोपी एक ग्रुप डांसर थे। उन्होंने बचपन से ही अपने पिता को डांस करते देखा। उनके पिता का सपना था कि वह इंडस्ट्री में डांस गुरु के तौर पर अपनी पहचान बनाएं। लेकिन उनकी ये इच्छा उनके मौत के साथ अधूरी रह गई।
10 साल की उम्र में छिन गया पिता का साया:
बाता दें कि जब गणेश के पिता की मौत हुई उस वक्त उनकी उम्र महज 10 साल थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि जिस वक्त उनके पिता की मृत्यु हई थी वह इतने छोटे थे कि वह समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर उनके साथ क्या हुआ।
स्लम एरिया में गुजरा बचपन:
आज आलीशान बंगले और लग्जरी लाइफ गुजारने वाले गणेश आचार्य का पूरा बचपन एक स्लम एरिया में गुजरा है। वह स्लम एरिया प्रभात कॉलोनी, सांताक्रुज में रहते थे। उन्होंने बताया था कि जहां वह रहते थे वहां पानी से लेकर खाने तक के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता था। उसपर उनके पिता के मृत्यु होने पर जीवन और भी कठिन हो गया था।
एक्टर बनने की कोशिश में थे गणेश:
बता दें कि गणेश आज भले ही एक सफर कोरियोग्राफर हैं लेकिन वह कोरियोग्राफर नहीं बल्कि एक एक्टर बनना चाहते थे। लेकिन उस वक्त उनके लिए एक्टर बनने से ज्यादा जरूरी था पैसा कमाना। वहीं उनके पिता चाहते थे कि गणेश एक सफल कोरियोग्राफर बनें। इसके बाद उन्होंने ग्रुप डांसर, जूनियर आर्टिस्ट और असिस्टेंट डांसर के तौर पर काम करना शुरू किया।
सबसे यंगेस्ट कोरियोग्राफर:
जिस वक्त गणेश ने बॉलीवुड में कदम रखा था उस वक्त वह इंडस्ट्री में सबसे कम उम्र के कोरियोग्राफर थे। उनके इस मुश्किलों भरे वक्त में उनकी मां और बहन ने उनका बहुत साथ दिया। लेकिन लाइफ में बहुत स्ट्रगल था।
स्ट्रगलर एक्टर्स ने दिया साथ:
एक इंटरव्यू के दौरान गणेश ने कहा, 'मैं पूरा दिन बाइक पर काम के सिलसिले में घूमता रहता था। कभी कोई हां कहता था तो कोई ना। उन दिनों मेरा साथ खुद स्ट्रगल कर रहे एक्टर्स ने दिया। उनके कहने पर मुझे एक-एक दिन के गाने की शूटिंग का काम मिलता था। धीरे-धीरे मेरे काम को लोगों ने पसंद किया। इसके बाद मुझे बड़े प्राजेक्ट मिलने लगे।'