नैनवां में स्वीकृत गौण मंडी यार्ड शुरू हो जाती तो चार तहसीलों के पचास से अधिक गांवों के किसानों को अपनी उपज को उचित दामों पर बेचने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो जाता।
नैनवां. नैनवां में स्वीकृत गौण मंडी यार्ड शुरू हो जाती तो चार तहसीलों के पचास से अधिक गांवों के किसानों को अपनी उपज को उचित दामों पर बेचने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो जाता। नैनवां तहसील ही नहीं टोंक जिले की तीन तहसीलों के किसानों को भी लाभ मिलना शुरू हो जाता।
गौण मंडी शुरू होने में हो रहे विलंब से किसान, व्यापारी, मजदूर व छोटे दुकानदार मायूस है। दो वर्ष पहले सरकार ने गौण मंडी की स्वीकृति जारी कर मंडी यार्ड के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत कर कार्य शुरू कराया तो किसानों की उम्मीद जगी थी। दो वर्ष से गौण मंडी में जिंसों की उपज की खरीद की उम्मीद संजोए धरती पुत्रों के गौण मंडी में खरीद चालू नहीं होने से उम्मीदों पर पानी फिरता जा रहा है।
इन गांवों के किसानों की जरूरत
नैनवां में गौण मंडी शुरू होने से नैनवां ही नहीं नैनवां के समीप स्थित टोंक जिले की नगरफोर्ट, दूनी, उनियारा तहसीलों के गांवों के किसानों को अपनी उपज को सही दामों में बेचने का प्लेटफार्म मिल जाएगा। किसानों का कहना है कि नैनवां तहसील साथ ही टोंक जिले के पचास से अधिक ऐसे गांव है जिनसे नैनवां की दूरी 10 से 20 किमी ही पड़ती है। खरीददारी करने नैनवां के बाजारों में आने से इन गांवों के लोगों को अब अपनी उपज बेचने के लिए दूसरे शहरों में नही जाना पड़ेगा।
बड़ोली, भानौली, बालुन्दा, स्यावता, ठिकरिया, बालुन्दा, सतवाड़ा, चन्दवाड़, गुराई, खेड़ा, जेल, रघुराजपुरा, देवपुरा, नगरफोर्ट, खातोल, देवरी, बालापुरा, मुगलाना, जालिमगंज, बोसरिया, समरावता, कचरावता, रायपुरा, पलाई, महाराजपुरा, चतरपूरा तो ऐसे गांव है। नैनवां से 15 किमी की परिधि में ही बसे हुए है। गौण मंडी बनने से नैनवां तहसील के जरखोदा, समिधी, बालापुरा, नाहरगंज आदि गांव ऐसे है जिनके किसानों को भी 15 किमी की दूरी पर ही अपनी उपज बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो जाएगा।