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उद्घाटन के छह माह बाद भी लिफ्ट सिंचाई परियोजना से नहीं मिल रहा पानी

गेण्डोली फोलाई पंचायत क्षेत्र में नवनिर्मित लिफ्ट सिंचाई परियोजना के उद्घाटन को छह माह बीत जाने के बावजूद सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने से काश्तकारों में रोष व्याप्त है। आक्रोशित किसान ने लोहली गांव स्थित परियोजना के पम्प हाउस पर पहुंचकर प्रदर्शन कर चुके एवं जिला कलक्टर को भी समस्या से अवगत करा चुके है।

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उद्घाटन के छह माह बाद भी लिफ्ट सिंचाई परियोजना से नहीं मिल रहा पानी

बूंदी. गेण्डोली फोलाई लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए लगाया गया सोलर प्लांट।

बूंदी. गेण्डोली फोलाई पंचायत क्षेत्र में नवनिर्मित लिफ्ट सिंचाई परियोजना के उद्घाटन को छह माह बीत जाने के बावजूद सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने से काश्तकारों में रोष व्याप्त है। आक्रोशित किसान ने लोहली गांव स्थित परियोजना के पम्प हाउस पर पहुंचकर प्रदर्शन कर चुके एवं जिला कलक्टर को भी समस्या से अवगत करा चुके है।


जानकारी अनुसार गेण्डोली फोलाई पंचायत क्षेत्र की इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना वर्ष 2016 में तत्कालीन विधायक एवं पंचायती राज मंत्री बाबूलाल वर्मा के प्रयासों से जल संसाधन विभाग द्वारा गेण्डोली पंचायत क्षेत्र के सात गांवों की 1987.84 हेक्टेयर भूमि को ङ्क्षसचित करने के लिए लगभग 67.52 करोड़ रुपए एवं फोलाई पंचायत के दस गांवों की 1997.78 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किए जाने के लिए 56.36 करोड रुपए की लागत से अलग अलग दो लघु सिंचाई परियोजनाओं की मंजूरी मिली थी। परियोजना को दो साल की अवधि के अंतराल में वर्ष 2019 तक पूर्ण करके सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाना था, लेकिन सिंचाई परियोजना का लाभ काश्तकारों को पांच साल बाद भी नहीं मिल सका।


गत दिनों जिला कलक्टर को दी गई शिकायत में बताया गया था कि पंचायत फोलाई में आने वाले ग्राम जगन्नाथपुरा, मोर खून्दना, गोठड़ा, कुआ गांव, भैंस खेड़ा, भाट््या की झौपडिय़ों, गोपालपुरा के किसानों को उक्त सिंचाई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे ग्रा.प. फोलाई के किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इन गांवों में करीब ढाई हजार बीघा में गेहूं की फसल है, जिनमें से कुछ तो निजी साधनों से फसलों को पानी दे रहे है। जबकि अधिकांश के पास फसलों को पानी देने की कोई व्यवस्था नहीं है। योजना का लाभ नहीं मिला तो किसानों की फसलें नष्ट हो जाएगी।

इन गांवों मिलना है लाभ
मेजनदी पर प्रस्तावित परियोजना का लाभ गेण्डोली पंचायत के गेण्डोली खुर्द, गेण्डोली कला, नयागांव, गूंथा, गेण्डोली खुर्द की झोपडिय़ां, चांचोलिया की झोपडिय़ां, महुआ एवं झाड़ोल गांवों की करीब पन्द्रह सौ हेक्टेयर भूमि और फोलाई पंचायत के फोलाई सहित कुआगांव, गोपालपुरा, गोठड़ा, भाटा की झोपडिय़ां, बीरमपुरा, मोरखूंदना, जगन्नाथपुरा, भेसखेडा, आडीबाड़ एवं लोहली गांवों की करीब पन्द्रह सौ हैक्टेयर भूमि सिंचित की जानी है।

इनका कहना है
पाइप लाइन ही जगह-जगह से लीकेज है, इसलिए अभी तक पूरी डिग्गी तक भी पानी नहीं पहुंचा है। ऐसे में खेतों तक पानी पहुंचना असंभव है।
जुगराज मीणा, अध्यक्ष, गेण्डोली लिफ्ट सिंचाई परियोजना

लिफ्ट का पानी जल्दी ही खेतों तक पहुंचने की उम्मीद में काश्तकारों ने अपने खेतों में गेहूं की बुवाई कर दी, लेकिन पाइप लाइनें लीकेज होने के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। सम्बंधित कार्य जेंसी के लोग पाइप लाइनों को दुरस्त करने में लगे हुए हैं, लेकिन खेतों फसल खड़ी होने के कारण पाइप लाइन को दुरुस्त करने में काफी परेशानी आ रही है। जबकि कार्य एजेंसी का खेतों में पानी पहुंचने का दावा कर रही है, जहां पानी नहीं पहुंचा वहां जल्दी ही पहुंचाने का आश्वासन दे रहे हैं।
कस्तूर चंद गोचर, अध्यक्ष, फोलाई लिफ्ट सिंचाई परियोजना

किसान अभी योजना को समझ नहीं पा रहे है। सभी डिग्गियों में पानी भरा हुआ है, जो रोटेशन से दिया जा रहा है। एक बार पानी मिलने के बाद दस दिन बाद नम्बर आता है। ऐसे में किसानों को लगता है योजना के तहत पानी नहीं दिया जा रहा है। इस वर्ष दिए जा रहे पानी पर सिंचाई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
दीपक चतुर्वेदी, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग, बूंदी