Rajasthan Weather: मौसम विभाग के अनुसार, देवगढ़ (राजसमंद) में सर्वाधिक 80 मिमी बारिश दर्ज की गई। जैसलमेर में तापमान 37.2 डिग्री व सिरोही में न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री दर्ज किया गया। 17 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
Flood-Like Situation In Rajasthan: राजस्थान के कई जिलों में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कोटा संभाग के कापरेन, लाखेरी, बूंदी समेत कई क्षेत्रों में नदी-नालों के उफान के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। वहीं नागौर, जालोर और सीकर जिलों में भी तेज बारिश से भारी नुकसान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, देवगढ़ (राजसमंद) में सर्वाधिक 80 मिमी बारिश दर्ज की गई। जैसलमेर में तापमान 37.2 डिग्री व सिरोही में न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री दर्ज किया गया। 17 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का दौर धीमा पड़ने से कई जिलों में मौसम खुला और धूप निकली हालंकि फिर दोपहर से काले बादल आ गए और हल्की बूंदा-बांदी शुरू हुई।
बूंदी जिले की मेज नदी में पानी बढ़ने के कारण पचीपला, पापडली, कोथा लक्ष्मीपुरा, खेडीया दुर्जन और खेडीयामान गांव जलमग्न हो गए। हालात सामान्य होने पर रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया। दो दिन में करीब 500 लोगों का रेस्क्यू किया गया। बूंदी जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत और पुनर्वास की समीक्षा की।
बाढ़ के हालातों के बीच 17वीं राजपुताना राइफल्स की टीम जब शाम को पापडली गांव में राशन सामग्री पहुंचाने गई तो वहां से करीब 200 मीटर दूर एक मकान में 3 दिन से फंसे युवक को रेस्क्यू किया गया।
सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर ने बताया कि राशन वितरण के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि एक युवक प्रभुलाल अपने घर में फंसा हुआ है। उसके दोनों पैरों में सूजन थी और इन्फेक्शन हो रहा था। टीम ने तत्परता से रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार कर मेडिसिन उपलब्ध करवाई।
कापरेन रेलवे स्टेशन पर स्थित क्वार्टरों में चार फीट तक पानी भर गया, जिससे 150 कर्मचारी बेघर हो गए। रेलवे ने दो स्लीपर कोच भेजकर 60 से ज्यादा लोगों को आश्रय दिया है। कोटा से भोजन के पैकेट और राशन सामग्री भिजवाई जा रही है।
बाढ़ राहत कार्यों में 17 राजरिफ की 80 जवानों की टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और 115 इंजीनियर रेजीमेंट के जवान लगातार कार्यरत हैं। सेना की मेडिकल टीम ने 80 से अधिक लोगों का उपचार किया है।
प्रभावित लोगों की सहायता के लिए ग्राम पंचायतों में गुरुवार से राहत शिविर लगाए जाएंगे। जिनके घर, मवेशी या संपत्ति का नुकसान हुआ है, उनके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरवाए जाएंगे, ताकि सहायता जल्दी उपलब्ध हो सके।