प्रदेश के सरकारी स्कूलों व छात्रावासों में अब विदेशी कंपनियों के उत्पादों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यानि अब सरकारी एजेंसियों के निर्मित स्वदेशी सामान का ही उपयोग होगा। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर माध्यामिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
बूंदी. प्रदेश के सरकारी स्कूलों व छात्रावासों में अब विदेशी कंपनियों के उत्पादों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यानि अब सरकारी एजेंसियों के निर्मित स्वदेशी सामान का ही उपयोग होगा। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर माध्यामिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग के अधीनस्थ सभी कार्यालय में अब केवल भारत में निर्मित वस्तुओं का ही क्रय किया जाएगा। इसके अलावा अन्य सामान खरीदने पर कार्रवाई के साथ वसूली की जाएगी।
आदेश में स्पष्ट रूप से सरकारी एजेंसियों द्वारा तैयार वस्तुएं ही खरीदी जाएंगी। इधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया से स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ेगा, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकारी एजेंसियों से खरीद के कारण उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लाखों महिलाओं एवं किसानों की आजीविका को सहारा मिलेगा। आदेश के तहत राजीविका, राजफेड और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड समेत
अन्य सरकारी एजेंसियों से खरीद करने पर इन संस्थाओं के कारीगरों, किसानों और स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ेगी।
माध्यामिक शिक्षा निदेशालय के इस संबंध में आदेश मिले है। स्कूलों में स्वदेशी उत्पादों को उपयोग करने के लिए स्कूल प्रबंधन को आदेश दिए गए है।
प्रीतिबाला शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (मा.),बूंदी