बूंदी में गजाला कादरी की संदिग्ध मौत के मामले में उसके भाई और अन्य परिजनों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। शव को बिना पोस्टमार्टम घर के पीछे पारिवारिक कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
Rajasthan Crime News" बूंदी के कोतवाली में न्यायालय के आदेश पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के इस्तगासे से हत्या किए जाने का मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच थाना सदर प्रभारी रमेशचंद आर्य को सौंपी गई है। प्रार्थी अंजूम कादरी ने अपने परिवाद में बताया कि उसकी बहन गजाला कादरी अपने पिता द्वारा दिए गए पुश्तैनी मकान में पिछले 18 वर्षों से रह रही थी।
परिवार के अन्य सदस्य इसी मकान के एक हिस्से में रहते थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मकान को लेकर विवाद चल रहा था। प्राथमिकी में अंजूम कादरी ने बताया गत एक अगस्त की शाम करीब साढ़े चार बजे उसके भाई गुड्डू कादरी ने फोन कर बताया कि गजाला अब इस दुनिया में नहीं रही। जब अंजूम परिवार सहित बाणगंगा रोड स्थित घर पहुंची तो उसने देखा कि गजाला की लाश काले प्लास्टिक में लिपटी पड़ी थी और वहां गुड्डू, तनवीर, इमरान समेत कुछ लोग मौजूद थे।
जब अंजूम ने बहन की मौत का कारण पूछा तो गुड्डू कादरी ने कहा कि उसे नहीं पता वह पिछले 10-12 दिनों से कमरे से बाहर नहीं निकली थी। गुपचुप तरीके से शव दफनाने के मामले में मृतका की बहन अंजूम कादरी की शिकायत पर गुलाम जीलानी उर्फ गुड्डू कादरी, इमरान कादरी, अब्दुल शकूर उर्फ मुन्ना कादरी, तनवीर कादरी और रानो कादरी समेत कई परिजनों के खिलाफ तहत प्रकरण दर्ज हुआ है।
अंजूम का कहना है कि परिवारवालों ने गजाला का शव दिखाने से इंकार कर दिया यह कहते हुए कि शरीर सड़ चुका है। इसके बाद बिना किसी सरकारी सूचना या पोस्टमार्टम के गजाला का जनाजा घर के पीछे स्थित पारिवारिक कब्रिस्तान में दफना दिया गया। किसी रिश्तेदार को भी इसकी सूचना नहीं दी।