आरटीई दाखिलों की जांच के लिए गैर सरकारी स्कूलों के भौतिक सत्यापन करने वाले जांच दलों को शनिवार को शहर के पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रशिक्षण दिया।
नैनवां. आरटीई दाखिलों की जांच के लिए गैर सरकारी स्कूलों के भौतिक सत्यापन करने वाले जांच दलों को शनिवार को शहर के पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रशिक्षण दिया। एसीबीईओ अनिल गोयल के सुपरविजन में प्रशिक्षण दो चरणों में आयोजित किया। नैनवां ब्लॉक के 80 स्कूलों के भौतिक सत्यापन के लिए राजपत्रित अधिकारी के 80 दलों का गठन किया। 40-40 दलों को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण में बताया गया कि दल सदस्य 11 अक्टूबर से 5 नवंबर तक गैर-सरकारी स्कूलों में जाकर नि:शुल्क अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों से संबंधित रिकॉर्ड का भौतिक सत्यापन करेंगे। इस दौरान ब्लॉक आरपी लक्ष्मण लाल माली और शांतिलाल नागर ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया और महत्व के बारे में जानकारी दी। पीईईओ एवं प्रधानाचार्य जयदयाल गोयल व अनिल जैन ने दलों को प्रशिक्षण दिया।
भौतिक सत्यापन के पश्चात समस्त डाटा ऑनलाइन भी किया जाएगा। उसके बाद ही गैर सरकारी विद्यालयों को फीस का पुनर्भरण हो सकेगा। शैक्षिक सत्र 2025-26 में शिक्षा का अधिकार के तहत अध्ययनरत विद्यार्थियों का कालीबाई भील बालिका फीस पुनर्भरण योजना और मुयमंत्री बाल फीस पुनर्भरण योजना के तहत निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
हिण्डोली. कस्बे के समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय में राजस्थान शिक्षा अधिनियम के तहत विद्यालयों के भौतिक सत्यापन को लेकर प्रभारियों का शनिवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर लक्ष्मण सिंह मीणा व सेवक सिंह ने बताया कि हिण्डोली क्षेत्र के सभी निजी विद्यालय जिनमें आरटीई के तहत बच्चे पढ़ रहे। उन स्कूलों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
मीणा ने प्रभारियों से कहा कि संस्थान में जाने पर सबसे पहले अभिभावकों व बालकों से पूछा जाए कि उनके साथ विद्यालय में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। आरटीई की तहत मिलने वाली सुविधाएं मिल रही है या नहीं। इसके अलावा जिस स्कूल में छात्रों ने कक्षा एक से प्रवेश लिया है वहां पर कक्षा 12वीं तक कक्षा संचालित है वह उसमें अध्यनरत हैं या नहीं। सहित अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।