इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय की गई छोटी-सी गलती भी बड़ा नोटिस और पेनल्टी बन सकती है। 2025 में कई करदाताओं ने ऐसी चूकें कीं, जिनसे रिफंड अटक गया या टैक्स विवाद बढ़ा। 2026 के लिए पहले से तैयारी कर लें।
इनकम टैक्स भरने में ज्यादातर लोगों को परेशानी आती है। अमूमन लोगों को पूरी जानकारी नहीं होती है, फिर भी वे खुद आईटीआर फाइल करते हैं, और गलतियां कर देते हैं। वहीं, कई बार अच्छा सीए नहीं मिलता और वह लापरवाही से काम करता है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि 2025 में लोगों ने कई गलतियां की, जिन्हें अगले साल होने से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी गलतियां होती हैं और किन तरीकों से आप गलती करने से बच सकते हैं।
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी की कोषाध्यक्ष किंजल भट्टा के अनुसार, टैक्स रिटर्न में ज्यादातर गलतियां, टैक्सपेयर्स की गणना और AIS में दर्ज आंकड़ों के मेल न खाने की वजह से होती हैं। कई लोग कैपिटल गेन गलत दिखाते हैं, गलत रिबेट का दावा कर देते हैं या जरूरी फॉर्म, जैसे विदेशी टैक्स क्रेडिट के लिए Form 67 भरना भूल जाते हैं। वहीं, दीपेश छेड़ा (ध्रुवा एडवाइजर्स) का कहना है कि ब्याज से होने वाली आय, पुराने नियोक्ता से मिली सैलरी, विदेशी एसेट और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी ना देना भी आम चूक है। इससे रिटर्न पर सवाल खड़े हो जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि गलत धारणाओं ने भी उतनी ही परेशानी खड़ी की जितनी चूकों ने। कई करदाताओं ने AIS/TIS को या तो पूरी तरह सही या पूरी तरह गलत मान लिया और अपने खातों की स्टेटमेंट्स से मिलान (cross verification) नहीं किया। कुछ लोगों को लगा कि नया टैक्स रेजीम हमेशा फायदेमंद होता है, जबकि कई मामलों में पुराने रेजीम की छूट बेहतर रहती है। दीपेश छेड़ा के अनुसार, गलत HRA क्लेम भरना, ज्यादा डिडक्शन दिखाना, और प्रॉपर्टी या इक्विटी गेन में चूक होने पर 50% से 200% तक पेनल्टी लग सकती है।