मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में 8th Pay Commission को बनाने का ऐलान किया था। लेकिन उसके बाद से फाइल वहीं अटकी है।
8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग, महंगाई भत्ते और दिवाली बोनस की फाइल आगे न बढ़ने से सरकारी कर्मचारियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। त्योहार के सीजन में वे इन तोहफों की उम्मीद बांध कर बैठे थे लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई न होने से विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। कई कर्मचारी संगठन इन डिमांड को लेकर मंत्री-अफसर से तक मिल चुके हैं।
इस कड़ी में ऑल इंडिया डिफेंस इम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने 14 अक्टूबर 2025 को देशव्यापी विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी करने में लगातार टालमटोल कर रही है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी असंतोष में हैं। इसके साथ ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और दिवाली बोनस का ऐलान भी नहीं हुआ है।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का कहना है कि महंगाई और स्वास्थ्य व शिक्षा की बढ़ती लागत के बीच बीते एक दशक से वेतन संशोधन का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं सांसदों और विधायकों का वेतन समय-समय पर स्वतः संशोधित हो जाता है। ऐसे में सरकार को हमारी बात पर गौर करना होगा और इसका हल निकालना होगा।
AIDEF ने कहा कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को बनाने का फैसला तो कर दिया था और नेशनल काउंसिल (JCM) के स्टाफ साइड से टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) का मसौदा भी मांगा, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं की गई। आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी हैं, ऐसे में डिले से कर्मचारियों, रक्षा कार्मिकों, रेलवे, अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों को समय पर वेतन संशोधन नहीं मिले पाएगा।
AIDEF ने 2004 में लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अप्रैल 2025 में शुरू यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि ये दोनों योजनाएं कॉन्ट्रिब्यूटरी और मार्केट आधारित हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा की जिम्मेदारी को देखते हुए परिभाषित, नॉन कॉन्ट्रिब्यूटरी पेंशन मिलनी चाहिए। वे CCS पेंशन नियम 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी योजना बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
AIDEF ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने बीते चार साल से कंपेशनेट नियुक्ति पर रोक लगा रखी है, जबकि अन्य मंत्रालयों में यह जारी है। कोविड-19, कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं और जोखिम भरे हालात में कई रक्षा कर्मचारियों की मौत हुई, लेकिन उनके परिवारीजनों को नियुक्ति का मौका नहीं मिला। संगठन ने रक्षा कारखानों सहित सभी प्रतिष्ठानों में ऐसी नियुक्ति बहाल करने की मांग उठाई है।
AIDEF के अध्यक्ष एसएन पाठक ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मांगों पर तुरंत कदम नहीं उठाया तो विरोध को और तेज किया जाएगा। महामंत्री सी श्रीकुमार ने साथ ही मांग की कि सरकार को 4 लेबर कोड भी खत्म करने होंगे।