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Why Market is Down Today: शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट, अमेरिका से आने वाला है बड़ा फैसला, जानिए मार्केट टूटने के 5 बड़े कारण

Why Market is Down Today: यूएस फेड 10 दिसंबर को ब्याज दर पर फैसला सुनाएगा। इस बार रेट कट की उम्मीद है। लेकिन निवेशक किसी भी निगेटिव सरप्राइस के प्रभाव से बचने के लिए बिकवाली कर रहे हैं।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Dec 08, 2025

Why Market is Down Today

शेयर बाजार में आज जबरदस्त बिकवाली हुई है। (PC: Pexels)

Why Market is Down Today: भारतीय शेयर बाजार में आज सोमवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। कारोबारी सत्र के दौरान बेंचमार्क सूचकांक 1% तक गिर गए। वहीं, मिड-कैप और स्मॉल कैप सेगमेंट में 2 फीसदी तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली। इंट्राडे में सेंसेक्स 800 से अधिक अंक गिरकर 84,875.59 के निचले स्तर पर आ गया। जबकि निफ्टी-50 1% गिरकर इंट्राडे में 25,892.25 के निचले स्तर पर आ गया। मिड और स्मॉल-कैप सेक्टर्स में बिकवाली तेज थी। सेशन के दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 2% से अधिक टूट गए। हालांकि, बाद में गिरावट कुछ कम हुई और सेंसेक्स 609 अंक गिरकर 85,102 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 225 अंक गिरकर 25,960 पर बंद हुआ।

क्या है शेयर बाजार में गिरावट की वजह?

यूएस फेड रेट से पहले सतर्क रुख

बाजार का ध्यान 10 दिसंबर को अमेरिकी फेड (US Fed) के ब्याज दर के फैसले पर है। इस बात की काफी ज्यादा उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। लेकिन खुदरा निवेशक किसी भी निगेटिव सरप्राइस के प्रभाव से बचने के लिए बिकवाली की होड़ में दिखाई दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूएस फेड द्वारा दर में कटौती न करने की स्थिति में, डॉलर मजबूत हो सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर और दबाव पड़ेगा।

जापानी बॉन्ड यील्ड में उछाल

जापानी सरकारी बॉन्ड यील्ड सोमवार को नए मल्टी-ईयर हाई पर पहुंच गई, जिससे येन कैरी ट्रेड के संभावित उलटफेर पर चिंताएं बढ़ गईं। जापानी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि से संकेत मिलता है कि जापान में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे येन मजबूत होगा। उस स्थिति में, निवेशक येन में उधार लेने का ब्याज दर लाभ खो देंगे, जिससे उन्हें कैरी ट्रेड्स को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। यह भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए एक बड़ी नकारात्मक खबर होगी। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने कहा, "जापानी बॉन्ड यील्ड में उछाल येन कैरी ट्रेड के उलटफेर का एक और दौर शुरू कर सकता है। यह बाजार के लिए एक मजबूत निगेटिव फैक्टर होगा।"

रुपये में गिरावट

भारतीय रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर के पास मंडरा रहा है। सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी पूंजी के लगातार आउटफ्लो के कारण घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.15 तक गिर गई। इससे मार्केट सेंटीमेंट को झटका लगा है। इस साल रुपये की कमजोरी ने इन्वेस्टर्स और एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है, क्योंकि भारत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ और रिकॉर्ड निचले स्तर पर महंगाई रहने के बावजूद रुपया, डॉलर के मुकाबले नए निचले स्तर को छू रहा है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और भारतीय शेयर बाजार से लगातार विदेशी पूंजी के आउटफ्लो के कारण भारतीय रुपया गिर रहा है।

एफआईआई की लगातार बिकवाली

एफआईआई इस साल जुलाई से भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं। कैश सेगमेंट में उन्होंने जुलाई से अब तक 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय स्टॉक बेच दिए हैं। केवल दिसंबर के पांच सत्रों में उन्होंने भारतीय बाजार में 10,404 करोड़ रुपये के स्टॉक बेचे हैं।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चिता

भारत और अमेरिका की ओर से एक संभावित समझौते के बारे में सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन सौदे के समय और अंतिम स्वरूप के बारे में अभी भी स्पष्टता की कमी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी इस सप्ताह व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रखने के लिए भारत का दौरा करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में संकेत दिया कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है, लेकिन जोर देकर कहा कि श्रमिकों, किसानों और मध्यम वर्ग के हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं।