इस बार दिवाली पर सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को मिठाई या ड्राइफ्रूूट्स नहीं दिए जाएंगे।
दिवाली पर मोदी सरकार ने कड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों और ब्रांचों में इस आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा है। दरअसल, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने त्योहारों पर होने वाले सरकारी खर्च को बचाने के लिए आदेश जारी किया है। अब दिवाली और अन्य पर्व-त्योहारों पर किसी भी तरह का गिफ्ट या उससे जुड़ी वस्तुओं पर खर्च नहीं किया जाएगा। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों और संबद्ध संस्थानों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
एक्सपेंडिचर विभाग के आदेश में कहा गया है कि समय-समय पर ऐसे निर्देश दिए जाते रहे हैं, जिनका उद्देश्य फिजूलखर्ची रोकना और सरकारी खजाने की बचत को बढ़ावा देना है। इसी कड़ी में अब यह साफ कर दिया गया है कि त्योहारों पर गिफ्ट खरीदने या उन्हें बांटने के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
इस आदेश की प्रति सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को भेजी गई है। साथ ही, कैबिनेट सचिव, सभी वित्तीय सलाहकारों, लोक उपक्रम विभाग (Department of Public Enterprises) और वित्तीय सेवाओं के सचिव को भी सूचित किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSEs), पब्लिक सेक्टर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी इस निर्देश को दोहराने के लिए कहा गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम का सीधा संदेश यह है कि सरकार राजकोषीय संसाधनों के ढंग से इस्तेमाल को प्राथमिकता दे रही है। त्योहारी सीजन में आम तौर पर मंत्रालयों और संस्थानों की ओर से गिफ्ट बांटने की परंपरा रही है, लेकिन अब इस पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। त्योहारी सीजन से ठीक पहले आया यह आदेश सरकार की Fiscal Discipline पर फोकस को दर्शाता है। इसका असर न केवल मंत्रालयों और कर्मचारियों पर पड़ेगा, बल्कि पब्लिक सेक्टर बैंकों व उपक्रमों तक में भी दिखाई देगा।