पुराना होम लोन अगर महंगी दर पर मिला है तो उसे चुकाने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को कुछ रकम ब्याज पर देती है।
अगर आपको पुराना होम लोन चुकाने में दिक्कत हो रही है या EMI नहीं भर पा रहे हैं तो केंद्र सरकार आपकी मदद कर सकती है। दरअसल, सरकार अपने कर्मचारियों को लोन रीपेमेंट के नाम पर एक रकम देती है, जिसकी मदद से उधारी चुकाई जा सकती है। इस व्यवस्था का नाम House Building Advance (HBA) योजना है। इसके तहत सरकार कर्मचारियों को अधिकतम 25 लाख रुपये तक का एडवांस देती है, जिससे बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी या अन्य मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से लिए गए होम लोन का पेमेंट कर सकते हैं। यह रकम 7.44% वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध है।
सरकार ने साफ किया है कि जो केंद्रीय कर्मचारी पहले ही होम लोन ले चुके हैं, वे कुछ शर्तों के साथ HBA योजना में माइग्रेट कर सकते हैं। इसके लिए यह सुनिश्चित होना जरूरी है कि पुराना लोन पूरी तरह घर/फ्लैट के निर्माण या खरीद के लिए ही लिया गया हो। साथ ही, सरकार से मिलने वाला एडवांस सिर्फ उतनी ही रकम तक सीमित होगा, जितना लोन अभी बाकी है। इस स्कीम के तहत एडवांस की रकम एकमुश्त दी जाएगी ताकि कर्मचारी सीधे अपना पुराना लोन चुका सके। एडवांस मिलने के 1 महीने के भीतर HBA उपयोग प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) जमा कराना अनिवार्य है।
1; नए घर/फ्लैट के निर्माण या लोन चुकाने के लिए : 34 माह का बेसिक पे यानी अधिकतम 25 लाख रुपये (जो भी कम हो)
2; मकान को बढ़ाने के लिए : अधिकतम 10 लाख रुपये या 34 माह का बेसिक पे (जो भी कम हो)
3; पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी होने पर, दोनों अलग-अलग अधिकतम सीमा तक एडवांस ले सकते हैं।
4; बेसिक पे में नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस और फैमिली पेंशन भी जोड़ी जाएगी।
1; सभी स्थायी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
2; कम से कम 5 साल की निरंतर सेवा वाले अस्थायी कर्मचारी
3; अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य
4; केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी
5; प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी
6; निलंबित कर्मचारी भी पात्र, बशर्ते जमानत दें
1; पुराना लोन निर्माण / खरीद के लिए ही होना चाहिए, अन्य किसी प्रयोजन के लिए नहीं
2; एडवांस केवल बकाया लोन की सीमा तक ही मिलेगा
3; संपत्ति को मॉर्गेज करना होगा
4; घर/फ्लैट का बीमा कराना अनिवार्य है, नहीं कराने पर ब्याज दर में 2% अतिरिक्त जुड़ जाएगा
5; लागत सीमा : निर्माण/खरीद की कुल लागत (जमीन छोड़कर) कर्मचारी के बेसिक पे का 139 गुना या अधिकतम 1 करोड़ रुपये (जो भी कम हो)
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, इस सुविधा से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो ऊंची ब्याज दर पर लिए गए होम लोनकी वजह से वित्तीय दबाव में हैं। कम ब्याज दर पर एडवांस मिलने से उनकी ईएमआई का बोझ घटेगा और लोन जल्द निपट सकेगा।