Income Tax on Cash Payments: कैश में बड़ा लेनदेन आप पर भारी पड़ सकता है। इससे आप पर पेनल्टी भी लग सकती है। अगर आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा कर्ज कैश में लेते हैं, तो आप पर पेनल्टी लग सकती है।
अगर आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में लेते हैं, तो आयकर विभाग आप पर जुर्माना लगा सकते हैं। वहीं, अगर आप 20,000 रुपये से अधिक की रकम किसी को कर्ज के पुनर्भुगतान के रूप में देते हैं, तो भी आप पर जुर्माना लग सकता है। यह जुर्माना आपके द्वारा ली गई या चुकाई गई रकम के बराबर हो सकता है। यानी 20 हजार रुपये का कर्ज लिया तो 20 हजार रुपये ही जुर्माना लग जाएगा। आयकर नियमों को लेकर अवेयरनेस न होना आप पर काफी भारी पड़ सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं।
टैक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि आयकर विभाग बड़े कैश लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखता है। चाहे वह रकम उधार में ली गई हो, उधार चुकाया गया हो, कोई खरीदारी की गई हो या दान दिया गया हो। जैन ने बताया कि कैश लेनदेन की एक सीमा है। इस सीमा से ज्यादा के लेनदेन पर भारी-भरकम जुर्माना लग सकता है।
जैन ने कहा, "इनकम टैक्स कानूनों में यह प्रावधान है कि आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में नहीं ले सकते। न ही इस सीमा से अधिक पैसा कर्ज के पुनर्भुगतान के रूप में दे सकते हैं। हालांकि, इससे आपकी टैक्स देनदारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन लिमिट से अधिक की रकम के कैश लेनदेन पर टैक्स अधिकारी प्राप्त की गई या चुकाई गई रकम के बराबर जुर्माना लगा सकते हैं।"
जैन ने कहा कि अगर अंतिम किस्त चुकाते समय बकाया रकम 20 हजार रुपये से कम रह जाती है, तो पूरी रकम का कैश पेमेंट किया जा सकता है। हालांकि, कर्ज के लेनदेन के मामले में इस तरह की लिमिट बैंकों, सरकारी कंपनी, निगम और इस तरह की दूसरी इकाइयों पर लागू नहीं है। होम लोन के मामले में भी ऐसे प्रतिबंध नहीं हैं।