आप जब भी बाहर घूमने जाते हैं तो होटल में ठहरते हैं। रूम बुक करते हैं। इंटरनेट से भी बुक करते हैं, एजेंट के जरिए भी बुक करते हैं, या फिर वहां जाकर बुक करते हैं। यह जो बुकिंग होती है होटल अकमोडेशन से संबंधित सर्विस लेने के लिए होती है।
आप जब भी बाहर घूमने जाते हैं तो होटल में ठहरते हैं। रूम बुक करते हैं। इंटरनेट से भी बुक करते हैं, एजेंट के जरिए भी बुक करते हैं, या फिर वहां जाकर बुक करते हैं। यह जो बुकिंग होती है होटल अकमोडेशन से संबंधित सर्विस लेने के लिए होती है। जो होटल का टेरिफ रेट होता है वही वैल्यू आपको चुकानी होती है। उस पर ही लगता है जीएसटी। अगर एजेंट या ऑनलाइन वाले कोई डिस्काउंट देते हैं तो उस रेट पर जो वैल्यू आती है उस पर जीएसटी देना होता है।
सामान्यत: रूम डीलक्स, सुपर डीलक्स, सुइट के नाम से होते हैं। ये रूम नार्मल होटल, थ्री स्टार होटल और फाइव स्टार होटल सभी में होते हैं। अगर रूम का रेंट प्रति नाइट 7500 से कम है तो 12% की दर से जीएसटी लगता है और यदि अधिक है तो 18% की दर से जीएसटी लगता है।
कॉम्प्लिीमेंट्री ब्रेकफास्ट की कीमत रूम रेंट में ही शामिल होती है। होटल में अन्य सुविधाएं जिनके चार्ज अलग से लिए जाते हैं तो उस पर 18% की दर से जीएसटी लगता है। रेंट के अनुसार कंपोजिट सप्लाई पर जीएसटी के लिए लायबल होगा।
अगर आप बिजनेस पर्पज के लिए ट्रेवल के दौरान होटल में रुकते हैं तो जीएसटी का क्रेडिट तभी मिलेगा जब उस राज्य में आपके किसी बिजनेस प्लेस का रजिस्ट्रेशन हो और टैक्सेबल सप्लाई करके जीएसटी चुकाते हों, अन्यथा नहीं।
जीएसटी काउंसिल ने हाल की बैठक में निर्णय लिया है कि अब किसी होटल रूम में अगर कोई 90 दिन से अधिक लगातार रहता है तो वह रूम रेजिडेंशियल यूनिट की तरह ट्रीट होगा। 20,000 प्रति माह तक के रेंट पर जीएसटी नहीं लगेगा।
कई बार ऐसा भी होता है कि किसी कारण से आपको बुकिंग कैंसिल करनी पड़ती है तो फिर पहले से तयशुदा कैंसिलेशन चार्जेज, जो लिए जाते हैं, उस पर जीएसटी नहीं लगता है। क्योंकि कोई भी सर्विस की सप्लाई ही नहीं की गई। वह तो बुकिंग करने की वजह से जो थोड़ी बहुत तैयारी वह लोग करके रखते हैं उसके एवज में वह कंपनसेशन के रूप में लिया जाता है। जीएसटी कंपनसेशन पर नहीं लगता, बल्कि सर्विस के सप्लाई के लिए प्राप्त कंसीडरेशन पर लगता है।
होटल में अगर मैरिज गार्डन है और कैटरिंग की फैसिलिटी भी वह प्रोवाइड करते हैं तो ऐसी स्थिति में रेंटिंग, कैटरिंग आदि सर्विसेज एक साथ दिए जाने की वजह से कंपोजिट सप्लाई हो जाती है एवं उस पर 18त्न की दर से एक ही वैल्यू मानकर टैक्स लिया जा सकता है।
-अपूर्वी खंडेलवाल, सीए