एसबीआई ने IMPS ट्रांजेक्शन के लिए चार्जेज में बदलाव किया है। नए रेट्स 15 अगस्त से लागू हो जाएंगे। वहीं, 1 अक्टूबर से यूपीआई पर पी2पी कलेक्ट रिक्वेस्ट बंद हो जाएगी।
एक अक्टूबर से यूपीआई पर पीयर-टू- पीयर कलेक्ट रिक्वेस्ट को बंद करने का निर्देश दिया गया है। यह सुविधा एक यूजर को दूसरे यूजर से पैसे मांगने की अनुमति देती है। साइबर ठग इसी फीचर का फायदा उठाकर ठगी करते हैं। एनपीसीआई ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा, एक अक्टूबर से यूपीआई पी2पी कलेक्ट प्रोसेस नहीं किया जाएगा। अभी इस फीचर के जरिए यूजर प्रति ट्रांजेक्शन अधिकतम 2000 रुपये कलेक्ट कर सकता है। हर दिन 50 पी2पी क्रेडिट ट्रांजेक्शन की सीमा है। हालांकि, मर्चेंट्स जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन या स्विगी इस सुविधा का उपयोग जारी रख सकेंगे और पेमेंट के लिए ट्रांजेक्शन रिक्वेस्ट भेज सकेंगे।
अभी यूपीआई में स्प्लिट पेमेंट ऑप्शन उपलब्ध है, जो इसकी जगह ले सकता है। यह एक ऐसी सुविधा है, जो यूजर को एक बिल या भुगतान राशि को कई लोगों के बीच आसानी से बांटने की अनुमति देती है। इस फीचर के जरिए एक व्यक्ति या किसी समूह के साथ मिलकर ट्रांजेक्शन होने वाली राशि को विभाजित किया जा सकता है और प्रत्येक यूजर अपने हिस्से की राशि यूपीआई से भेज सकता है।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपने खुदरा ग्राहकों के लिए इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) ट्रांजेक्शन चार्जेज में बदलाव किया है। नई दरें15 अगस्त, 2025 से लागू होंगी। बैंक ने साफ किया है कि नए नियम के तहत ऑनलाइन और ब्रांच चैनल पर अलग-अलग चार्ज लगाए जाएंगे। 25,000 से छोटे ऑनलाइन लेनदेन पर अब भी राहत बरकरार है, लेकिन बड़े लेन-देन महंगे हो जाएंगे।
केंद्र सरकार सोने के गहनों के बाद अब सिल्वर जूलरी पर भी हॉलमार्किंग लागू करने की तैयारी कर रही है। सितंबर, 2025 से स्वैच्छिक तौर पर इसे लागू किया जाएगा। यानी ज्वैलर्स चाहें तो इसे अपनाएंगे। लेकिन बाद में इसे अनिवार्य किया जा सकता है, जैसा कि सोने के लिए हुआ था। सोने की तरह ही यह 6 ग्रेड चांदी की जूलरी पर लागू होगी। चांदी पर 6 डिजिट वाला एचयूआईडी हॉलमार्किंग होगी। पुरानी जूलरी पर यह नियम लागू नहीं होगा। हालांकि, अगर आप चाहें तो अपनी पुरानी जूलरी को बीआईएस सेंटर्स पर चेक करवाकर हॉलमार्क करवा सकते हैं। हॉलमार्क साबित करता है कि जूलरी में दी गई चांदी कितानी शुद्ध है। इससे ग्राहक का भरोसा बढ़ता है।
शुद्धता की गारंटी: पता चल जाएगा कि चांदी कितनी खरी है। दुकानदार आपको मिलावटी चांदी नहीं बेच पाएगा।
धोखाधड़ी रुकेगी: कई बार लोग सस्ते में चांदी खरीदते हैं, बाद में पता चलता है कि उसमें चांदी कम दूसरी धातु ज्यादा थी।
बिक्री: जूलरी बेचना चाहें तो हॉलमार्क होने के कारण अच्छी कीमत मिल सकती है।
देश में खुदरा महंगाई दर 8 साल के निचले स्तर 1.55% पर आ गई है। खाद महंगाई गिरकर 1.76% पर आ गई। इसके बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से 2025 में अब ब्याज दरों में कटौती की संभावना बहुत सीमित दिखाई दे रही है। एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त में खुदरा महंगाई के 2 प्रतिशत से ऊपर और 2.36 के करीब रहने की उम्मीद है जिसके चलते अक्टूबर में दरों में कटौती करना मुश्किल होगा। रिपोर्ट के मुताबिक यदि पहली और दूसरी तिमाही की आर्थिक विकास दर के आकड़ों को देखा जाए तो दिसंबर में भी रेपो रेट में कटौती की संभावना बेहद कम है। यानी आपके लोन की ईएमआई और नहीं घटेगी।