Real Estate News: अंडर कंस्ट्रक्शन घर सस्ता मिल जाता है। ऐसो घरों पर डेवलपर डिस्काउंट्स देते हैं। वहीं, रेडी टू मूव घर महंगे होते हैं।
घर लेना एक आम व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी खरीदारी होती है। लेकिन महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अपनी बचत से घर खरीदना बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में अधिकतर लोग घर खरीदने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। हालांकि, आप लोन लेकर घर खरीदें या अपनी बचत से, यह खरीदारी आपको बहुत सोच-समझकर और पूरी जांच पड़ताल के बाद करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आपको घर खरीदने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
न तो ज्यादा सस्ता और न ही जरूरत से ज्यादा महंगा घर खरीदें। पहले अपना बजट तय करें। यह भी सोचें कि आपको कितने कमरों और कितने क्षेत्रफल वाले घर की जरूरत है। उसी हिसाब से विकल्प तलाशें, ताकि पैसे का बोझ न बढ़े।
यदि आप होम लोन ले रहे हैं, तो अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करने की कोशिश करें। होम लोन चुनते समय अपनी वर्तमान आय, भविष्य में आय बढ़ने की संभावना और नौकरी की स्टेबिलिटी का ध्यान रखें। इन सभी को ध्यान में रखकर EMI तय करें, ताकि बाकी खर्चों पर असर न पड़े।
सीधे डेवलपर या प्रॉपर्टी ओनर से संपर्क करें। मित्रों, रिश्तेदारों या परिचितों से भी जानकारी लें। बिचौलिया शामिल हुआ, तो वह आमतौर पर 1–1.5% तक कमीशन लेता है। कई बार सेलर भी कमीशन देकर वह पैसा खरीदार से ही वसूलता है। इस तरह 2.5–3% अतिरिक्त खर्च हो सकता है, जिसे बचाया जा सकता है।
घर खरीदने से पहले उसकी कीमत का सही आकलन करें। उस एरिया में रहने वाले लोगों से बात करें। बाजार में चल रही कीमत का अंदाजा लगाएं। घर की उम्र देखें, आमतौर पर एक मकान की लाइफ 70-80 साल मानी जाती है। पुराना घर होने पर जमीन की कीमत के आधार पर प्रॉपर्टी की रेट का आंकलन करें। यदि जरूरत पड़े, तो स्ट्रक्चरल इंजीनियर की मदद लें। पूरी जांच के बाद सेलर से डील को किफायती बनाने के लिए बातचीत करें।
रेडी टू मूव घर महंगे होते हैं। वहीं, अंडर कंस्ट्रक्शन घर सस्ते मिल जाते हैं। अगर आपका बजट कम है, तो अंडर-कंस्ट्रक्शन घर बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इनमें आमतौर पर बेहतर कीमत और डिस्काउंट मिलता है। त्योहारी सीजन में कई डिवेलपर्स आकर्षक ऑफर्स भी जारी करते हैं।
यदि 2-4 लोग एक ही प्रोजेक्ट में साथ खरीदारी करें, तो डेवलपर अक्सर अतिरिक्त डिस्काउंट देता है। एकमुश्त पेमेंट पर भी फायदा मिल सकता है।
कागजी कार्रवाई सबसे महत्वपूर्ण स्टेज है। रजिस्ट्री हो जाने भर से स्वामित्व सुनिश्चित नहीं होता। आपको इन बातों का भी ध्यान रखना होगा-