Real Estate News: फ्लैट खरीद रहे हैं, तो प्रोजेक्ट का रेरा रजिस्ट्रेशन क्रॉस-चेक जरूर कर लें। राज्य की आधिकारिक रेरा वेबसाइट पर जाकर आप यह जानकारी ले सकते हैं।
Real Estate News: बढ़िया लोकेशन और फ्यूचर ग्रोथ को देखते हुए ग्राहक ने अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में फ्लैट खरीदा लेकिन बाद में प्रोजेक्ट ही रुक गया, क्योंकि बिल्डर के पास पूरी अप्रूवल्स नहीं थीं। भारत में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी फ्लैट खरीदने में लगा दी, लेकिन पजेशन ही नहीं मिल पायी। इसके अलावा कमजोर कंस्ट्रक्शन क्वालिटी, पजेशन में देरी और वादे तोड़ना रियल एस्टेट इंडस्ट्री में काफी देखने को मिलता है। भविष्य में ऐसी प्रॉब्लम्स नहीं आए, इसके लिए आपको फ्लैट खरीदने से पहले कई सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं।
हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का एक RERA नंबर होना जरूरी है। इसे संबंधित राज्य की आधिकारिक RERA वेबसाइट पर जाकर क्रॉस-चेक करें। वहां आपको प्रोजेक्ट की अप्रूवल्स, टाइमलाइन और दूसरी जानकारियां मिल जाएंगी।
राज्य की RERA वेबसाइट पर डेवलपर की जानकारी देखें। उनके पिछले प्रोजेक्ट्स की जांच करें। क्या वे समय पर पूरे हुए थे? क्या कोई शिकायतें लंबित हैं? इन सब बातों का पता लगाएं। अगर पुराना रिकॉर्ड साफ है, तो आगे बढ़ सकते हैं। पिछला रिकॉर्ड सही नहीं है, तो सावधान हो जाएं।
डेवलपर की कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) में दर्ज फाइलिंग्स की समीक्षा करें। यह देखें कि कहीं नकदी संकट या डिफॉल्ट के संकेत तो नहीं हैं।
ड्राफ्ट एग्रीमेंट को पढ़ना कभी न भूलें। इसे ध्यान से पढ़ें। एग्रीमेंट में बताया जाता है कि जमीन कैसे खरीदी गई, मंजूरी योजनाएं, बिल्डर की जिम्मेदारियां और प्रोजेक्ट की टाइमलाइन क्या है। इसमें जानकारी सरल भाषा में लिखी होती है। आप इसे आसानी से पढ़ सकते हैं।
साइट प्लान को ध्यान से देखें। कहीं साइट पर हाई टेंशन लाइन, नाले का नेटवर्क या बफर जोन तो नहीं है। मास्टर प्लान की डिटेल्स चेक करें। लिफ्टों की संख्या, क्लब हाउस का आकार, पार्किंग स्पेस आदि भी देखें।
यह सुनिश्चित करें कि जमीन का टाइटल क्लीन और विवाद मुक्त हो। यह पता करें कि प्रोजेक्ट जॉइंट डेवलपमेंट, आउट्राइट परचेज या ब्रांडिंग अरेंजमेंट में से किस प्रकार का है, क्योंकि इससे बिल्डर की हिस्सेदारी और जिम्मेदारी प्रभावित होती है।
जो सुविधाएं बिल्डर ने आपको बताई है, उन्हें RERA रजिस्ट्रेशन डिटेल्स से मिलाएं। यह सुनिश्चित करें कि बताई गई सुविधाएं (जैसे पार्क, क्लब हाउस, ओपन एरिया) कम नहीं हो या कई प्रोजेक्ट्स में बांटी नहीं गई हो।
ऐसी त्रिपक्षीय योजनाएं पहले लोकप्रिय थीं। लेकिन जब डेवलपर डिफॉल्ट करते थे तो खरीदारों को EMI का बोझ उठाना पड़ता था। RBI ने ऐसी योजनाओं पर रोक लगा दी है। फिर भी "बहुत अच्छे लगने वाले" ऑफर्स से सावधान रहें।
अगर आपको कुछ गड़बड़ लग रही है, तो बिल्डर पर अंधा भरोसा न करें। आपको लीगल एक्सपर्ट हायर करके उससे सलाह लेनी चाहिए। पजेशन लेने से पहले इंडिपेंडेंट इंस्पेक्टर से कंस्ट्रक्शन क्वालिटी चेक करा सकते हैं।
RERA कानून के तहत बिल्डर को हैंडओवर के बाद 5 वर्षों तक स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स की जिम्मेदारी उठानी होती है।