Silver price forecast 2026: चांदी का निखार आगे भी कायम रह सकता है। माना जा रहा है कि इस साल शानदार प्रदर्शन करने वाली चांदी अगले साल में भी इसी रफ्तार से दौड़ लगा सकती है।
Gold Silver Price Today: चांदी ऐतिहासिक ऊंचाई पर है। पहले माना जा रहा था कि चांदी अगले साल की शुरुआत में दो लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। लेकिन उसने यह जादुई आंकड़ा पहले ही छू लिया है। अब सवाल उठता है कि यहां से चांदी का अगला डेस्टिनेशन क्या होगा? सिल्वर को दो से ढाई लाख का सफर तय करने में कितना समय लग सकता है?
चांदी ने अपने अब तक के प्रदर्शन से सबको चौंकाया है। सोना और शेयर बाजार भी चांदी जितना रिटर्न देने में असफल रहे हैं। निफ्टी का इस साल अब तक का रिटर्न करीब 9% है सोने ने 62% का रिटर्न दिया है, जबकि चांदी 117% के आंकड़े को भी पार कर गई है। इस लिहाज से देखें, तो कीमतों में तेजी की दौड़ में चांदी अव्वल रही है। सिल्वर को सपोर्ट देने वाले तमाम फैक्टर मौजूद हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि इसका निखार अभी बढ़ता रहेगा।
ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्योरिटीज को चांदी की कीमतों में आगे भी तेजी की उम्मीद नजर आ रही है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक्सिस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि सिल्वर 2026 में ढाई लाख के करीब पहुंच सकती है। उसका कहना है कि मंथली चार्ट पर चांदी ने 2011 से 2025 के बीच बने मल्टी-ईयर कंसोलिडेशन को एक बड़े 'राउंडिंग बॉटम ब्रेकआउट फॉर्मेशन के जरिए तोड़ दिया है। तकनीकी संकेत भी मजबूत नजर आ रहे हैं। ऐसे में सिल्वर के प्राइस आगे भी चढ़ सकते हैं।
लगातार महंगी होती चांदी में निवेश को लेकर क्या रणनीति होनी चाहिए? इस पर एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि यदि इसके दाम 1.7 लाख से 1.78 लाख रुपए के स्तर पर आते हैं, तो चरणबद्ध तरीके से खरीदारी करना बेहतर रहेगा। चांदी में तेजी के कारणों में मजबूत औद्योगिक मांग, सोलर- इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) में बढ़ रही डिमांड, आपूर्ति में कमी और ब्याज दरों में नरमी प्रमुख है। खासतौर पर सोलर और EV का मार्केट भविष्य में तेज ग्रोथ कर सकता है, ऐसे में चांदी में ग्रोथ की संभावना भी बनी रहेगी।
सोना और चांदी की मौजूदा कीमतों की बात करें, तो गुड रिटर्न्स के अनुसार एक किलो चांदी 1,99,000 रुपए के भाव पर उपलब्ध है। वहीं, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने के दाम 1,33,850 रुपए चल रहे हैं। सोने-चांदी की तरह ही एल्युमिनियम और कॉपर जैसी अन्य धातुओं में भी इस साल मजबूती देखने को मिली है। बढ़ती ऑटोमोबाइल मांग और दूसरे कारणों से एल्युमिनियम के दाम 2025 में करीब 12% चढ़े हैं। जबकि कॉपर में 32 प्रतिशत का उछाल आया है।
चांदी के अगले साल ढाई लाख के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान भले ही लगाया जा रहा हो, लेकिन वह दिसंबर के शेष दिनों में भी यह करिश्मा दिखाने की ताकत रखती है। नवंबर की शुरुआत में चांदी डेढ़ लाख रुपए के भाव पर मिल रही थी। वह बड़ी छलांग लगाने के लिए पहचानी जाती है। यह साल खत्म होने में अभी करीब 15 दिन बचे हैं। ऐसे में अगर चांदी तीन-चार बड़ी छलांग लगाती है, तो अगले साल के टारगेट को इसी साल पूरा कर सकती है।
चांदी की कीमतों में आ रही अप्रत्याशित तेजी ने कई एक्स्पर्ट्स को संदेह में भी डाल दिया है। उनका कहना है कि जिस तरह से चांदी भाग रही है, उसे जस्टिफाई करना मुश्किल है। लिहाजा, बड़े पैमाने पर खरीदारी से बचना चाहिए। चांदी एक दम से नीचे नहीं भी आई, तो एक निश्चित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उसके दाम स्थिर हो सकते हैं या धीरे-धीरे नीचे आ सकते हैं। लिहाजा, बेहतर रणनीति यही होगी कि बड़ी खरीदारी से बचा जाए और गिरावट पर ही निवेश किया जाए।