Best FD investment option: फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) को निवेश का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इस वजह से रिटर्न रेट कम होने के बाद भी लोग इसमें निवेश करते हैं।
Fixed deposit (FD) investment tips: जब बात निवेश की आती है, तो अधिकांश लोग हाई रिटर्न वाले ऑप्शन तलाशते हैं। उन्हें ज्यादा कमाई के लिए रिस्क से इश्क में कोई बुराई नजर नहीं आती। जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ज्यादा रिटर्न के चक्कर में जोखिम मोल नहीं लेना चाहते। दोनों तरह के निवेशकों के लिए मार्केट में अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड अधिक रिटर्न देते हैं, लेकिन इनमें जोखिम ज्यादा होता है। वहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) जैसे विकल्प रिटर्न कम देते हैं मगर यहां निवेश अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित रहता है।
पारंपरिक रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) निवेश का एक लोकप्रिय साधन रहा है, क्योंकि रिटर्न की गारंटी मिलती है। इसकी खास बात यह है कि एक बार जिस ब्याज दर पर निवेश कर दिया, पूरी अवधि तक वही ब्याज दर लागू रहेगी फिर भले ही बाजार में भूचाल क्यों न आ जाए। बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC) निवेशकों की शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों ज़रूरतों के अनुसार अलग-अलग विकल्प प्रदान करती हैं। इस पर मिलने वाली ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं।
चलिए जानने की कोशिश करते हैं को एक बड़े अमाउन्ट की सिंगल FD करना बेहतर रहता है या फिर अलग-अलग। मानकर चलते हैं कि आपके पास 10 लाख रुपए हैं। ऐसे स्थिति में आपके लिए 10 लाख रुपए की एक एफडी करवाना फायदेमंद रहेगा या फिर एक-एक लाख की दस। यहां यह भी जानना जरूरी है कि अगर सभी के लिए ब्याज दरें समान हैं, तो कोई अंतर नहीं पड़ेगा। इसलिए किसी एक बैंक के बजाए अलग-अलग बैंकों में FD बेहतर रहेगी, क्योंकि उनकी ब्याज दरें भिन्न हो सकती हैं।
| कुल निवेश | 10,00,000 रुपए |
| अनुमानित ब्याज दर | 7% वार्षिक |
| अनुमानित अवधि | 10 वर्ष |
| अनुमानित रिटर्न | 10,01,597 रुपए |
| मैच्योरिटी कॉर्पस | 20,01,597 रुपए |
इसी तरह, यदि ब्याज 7% ही है और आप एक-एक लाख की 10 FD करते हैं, तब भी मैच्योरिटी कॉर्पस यही रहेगा।
इसका एक फायदा यह है कि आपके लिए डिपॉजिट को मैनेज एवं ट्रैक करना आसान हो जाता है। आपको बस एक मैच्योरिटी डेट याद रखनी होती है। वहीं, इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यदि आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो पूरी 10 लाख रुपए की FD तोड़नी होगी। ऐसे में समय से पहले पैसे निकालने पर पूरी रकम पर पेनल्टी लगेगी। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर बैंक पर कोई संकट आता है तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंक में रखी राशि का केवल 5 लाख रुपए (मूलधन + ब्याज) तक का बीमा रहता है।
एक-एक लाख की 10 FD के मामले में सबसे बड़ा फायदा यही है कि अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ती और आप केवल एक FD तोड़ते हैं, तो बाकी 9 लाख रुपए पर बिना किसी जुर्माने के ब्याज मिलता रहेगा। नुकसान यह है कि 10 फिक्स्ड डिपॉजिट का हिसाब-किताब रखना होगा। लिहाजा यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप कौनसा विकल्प चुनते हैं।