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Vodafone ग्रुप ने 11,650 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया, VIL के शेयरों के बदले जुटाई थी राशि

Vodafone: ब्रिटेन स्थित Vodafone Group ने भारत की टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea Limited (VIL) के शेयरों को गिरवी रखकर जुटाए गए करीब 11,650 करोड़ रुपए (10.9 करोड़ पाउंड) का कर्ज चुका दिया है। आइए जानते है पूरी खबर।

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Vodafone: ब्रिटेन स्थित Vodafone Group ने भारत की टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea Limited (VIL) के शेयरों को गिरवी रखकर जुटाए गए करीब 11,650 करोड़ रुपए (10.9 करोड़ पाउंड) का कर्ज चुका दिया है। यह जानकारी कंपनी ने शेयर बाजार को दी। कर्ज जुटाने के लिए वोडाफोन समूह ने VIL में अपनी लगभग पूरी हिस्सेदारी गिरवी रखी थी।

कर्ज चुकाने की प्रक्रिया पूरी (Vodafone)

मॉरीशस और भारत स्थित वोडाफोन समूह की संस्थाओं द्वारा यह कर्ज जुटाया गया था। इसके लिए HSBC Corporate Trustee Company (UK) के पक्ष में VIL के शेयर गिरवी रखे गए थे। कंपनी ने बताया कि कर्जदाताओं को बकाया राशि का भुगतान करने के बाद 27 दिसंबर, 2024 को HSBC Corporate Trustee Company ने गिरवी रखे गए शेयरों को जारी कर दिया।

वोडाफोन की VIL में हिस्सेदारी

वर्तमान में वोडाफोन ग्रुप के पास Vodafone Idea में 22.56 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा, आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी 14.76 प्रतिशत और भारत सरकार की हिस्सेदारी 23.15 प्रतिशत है।

कर्ज के पीछे की रणनीति

वोडाफोन ग्रुप (Vodafone) ने VIL के शेयर गिरवी रखकर यह कर्ज इसलिए जुटाया था ताकि वह अपने अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशंस को स्थिर रख सके। टेलीकॉम सेक्टर में वित्तीय दबाव और उच्च बकाया देनदारियों के चलते वोडाफोन समूह को यह कदम उठाना पड़ा।

VIL की वित्तीय चुनौतियां

Vodafone Idea भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, लेकिन यह कंपनी वित्तीय दबाव और बाजार प्रतिस्पर्धा के चलते संघर्ष कर रही है। AGR बकाया और स्पेक्ट्रम शुल्क के कारण कंपनी पर भारी कर्ज का बोझ है। इसके अलावा, कंपनी को 5G सेवाओं में निवेश और उपभोक्ता आधार को बनाए रखने के लिए भी पूंजी की आवश्यकता है।

सरकार की हिस्सेदारी और भविष्य की दिशा

सरकार ने भी VIL में 23.15 प्रतिशत हिस्सेदारी ले रखी है, जो कंपनी के बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद आई। यह कदम कंपनी को राहत देने और उसे बाजार में स्थिर बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया था।

वोडाफोन का फोकस

वोडाफोन (Vodafone) समूह की ओर से कर्ज चुकाने के इस कदम को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह समूह अब अपने वित्तीय ढांचे को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर अपने अन्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी कर रहा है।

टेलीकॉम सेक्टर में मुक़ाबला

भारत में जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहना VIL के लिए चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, सरकार और प्रमोटर्स की ओर से समर्थन और नए निवेश की संभावनाएं कंपनी को उबरने का मौका दे सकती हैं।

Published on:
29 Dec 2024 11:21 am
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