ट्रेन में बिना टिकट सफर करना महंगा पड़ सकता है। जनरल कोच से लेकर एसी तक फाइन बढ़ता जाता है। जानिए बिना टिकट पकड़े जाने पर कितना जुर्माना लगता है।
Indian Railway Without Ticket Fine: रेल यात्रा सस्ती और सुविधाजनक होने के कारण भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन का सफर पसंद करते हैं। भारतीय रेलवे की ट्रेनों में लोकल सीटों से लेकर पर्सनल एसी केबिन तक की सुविधाएं मिलती हैं। इसमें जनरल डब्बे में मामूल सा किराया लगता है और थोड़ी महंगी टिकट लेकर प्रीमियम सुविधाओं के साथ यात्रा की जा सकती है। जनरल बोगी में चेकिंग कम होने के कारण बड़ी संख्या में लोग बिना टिकट के यात्रा करते हैं। कई बार जगह ना होने की वजह से ये लोग रिजर्वेशन वाली बोगी में चले जाते हैं। बिना टिकट के यात्रा करते हुए पकड़े जाने पर टीटीई इन पर जुर्माना लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कि बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा करने पर कितना जुर्माना लग सकता है।
बिना टिकट वाले यात्री के जुर्माने में दो आंकड़े शामिल होते हैं। जहां से यात्री ने सफर शुरु किया था वहां से लेकर जिस स्टेशन तक यात्रा करनी है, वहां तक का किराया लिया जाता है। या ट्रेन जिस स्टेशन से चलना शुरु करती है, वहां से लेकर जिस स्टेशन तक यात्रा करनी है, वहां तक का किराया लिया जाता है। इसके साथ टिकट के किराए का दोगुना जुर्माना वसूल करने का प्रावधान है, जिसका न्यूनतम मूल्य 250 रुपये है।
उदाहरण के लिए, कोई यात्री मरुधर एक्सप्रेस के जनरल बोगी में जयपुर से लखनऊ जाता है तो उसे 185 रुपये किराया और 250 रुपये जुर्माने के साथ कुल 435 रुपये देने होंगे। ट्रेन का टीटीई शुरुआती स्टेशन से भी किराया वसूल सकता है जो कि 260 रुपये होगा, तो कुल जुर्माना 520 रुपये हो जाएगा। वहीं, अगर यात्रा स्लीपर कोच में की जाती है तो स्लीपर का किराया वसूला जाएगा, जो जयपुर से लखनऊ के लिए 355 रुपये है। ऐसे में कुल जुर्माना 710 रुपये हो सकता है। अगर टीटीई शुरुआती स्टेशन से टिकट बनाए, तो जुर्माना और बढ़ जाएगा।
वित्त वर्ष 2025 में भारतीय रेल ने कुल 1,781 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया है। बुधवार को भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैश्नव ने लोक सभा में बताया कि भारतीय रेल्वे ने बिना टिकट, गलत टिकट और बिना बुक किए हुए लगेज पर ये जुर्माना वसूला है।