कोयंबत्तूर. तमिलनाडु सरकार ने वालपरै पहाड़ियों में शनिवार शाम तेंदुए के हमले में पांच वर्षीय बच्चे की मौत के बाद मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए दीर्घकालिक निवारक उपायों को मजबूत करने हेतु छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुशंसा पर बनी इस समिति की अध्यक्षता अपर मुख्य वन संरक्षक […]
कोयंबत्तूर. तमिलनाडु सरकार ने वालपरै पहाड़ियों में शनिवार शाम तेंदुए के हमले में पांच वर्षीय बच्चे की मौत के बाद मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए दीर्घकालिक निवारक उपायों को मजबूत करने हेतु छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुशंसा पर बनी इस समिति की अध्यक्षता अपर मुख्य वन संरक्षक आईएफएस रैपसुब्रमण्यन करेंगे। इसमें अन्नामलै बाघ अभयारण्य के उप निदेशक, पोल्लाची के उपकलक्टर, प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन के प्रतिनिधि, वालपरै नगर आयुक्त और सहायक श्रम आयुक्त (वृक्षारोपण) शामिल हैं। समिति संरक्षण और सुरक्षा उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव देगी।
शनिवार शाम करीब 7.15 बजे असम के सैफुल आलम को तेंदुआ अयरपड़ी चाय बागान की झाड़ियों में घसीट ले गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्चा घर के सामने अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था, जबकि माता-पिता घर के भीतर थे। वन विभाग ने शव को पोस्टमार्टम के लिए वालपरै सरकारी अस्पताल भेजा। यह घटना वालपरै में कुछ महीनों के भीतर तीसरा हमला है। 20 जून को झारखंड की पांच वर्षीय बच्ची पच्चमलै एस्टेट में तेंदुए का शिकार हुई थी, जबकि 11 अगस्त को असम का आठ वर्षीय बच्चा एक एस्टेट में भालू के हमले में मारा गया था।