छतरपुर

चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह से सुलझे 831 प्रकरण, 3496 लोग हुए लाभान्वित

लोक अदालत के दौरान कुछ विशेष मामलों का समाधान किया गया, जिससे कई परिवारों का पुन: पुर्नस्थापन हुआ। लीला पाल ने धारा 125 के तहत कुटुंब न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया था, जिसमें आज राजीनामा होने से पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई और वे घर वापिस गए।

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Dec 15, 2024
विवाद खत्म कर एक हुआ परिवार

आपसी रजामंदी से एक हुए परिवार, रक्तदान और विधिक सहायता शिविर भी लगाए

छतरपुर. जिला न्यायालय छतरपुर में 14 दिसंबर को चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें सुलह समझौते के माध्यम से 831 प्रकरणों का समाधान किया गया। इस मेगा लोक अदालत का उद्घाटन जिला सत्र न्यायाधीश रविंदर सिंह ने सरस्वती माता की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य प्रकरणों का सुलह से समाधान करना है, जिससे विवादों को त्वरित और प्रभावी तरीके से हल किया जा सके और पक्षकारों में कोई कटुता न रहे।

लोक अदालत की खंडपीठों में सुलझे मामले

नेशनल लोक अदालत के आयोजन में जिला न्यायालय छतरपुर और तहसील न्यायालयों से जुड़ी विभिन्न अदालतों ने मिलकर कुल 27 खंडपीठों का गठन किया। इनमें जिला न्यायालय छतरपुर में 14 और तहसील न्यायालय नौगांव, बिजावर, लवकुशनगर, बड़ामलहरा, राजनगर में 20 खंडपीठों ने मिलकर प्रकरणों की सुनवाई की। लोक अदालत में प्रमुख रूप से बैंकों के लंबित ऋण वसूली, बीमा संबंधी प्रकरण, नगर पालिका, चेक बाउंस, दुर्घटना बीमा तथा विद्युत विभाग के प्रकरणों का समाधान किया गया।

एडवोकेट वशिष्ठ नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 1316 प्रकरणों का समाधान किया गया। इनमें से 381 प्रकरण बैंक से संबंधित, 218 विद्युत विभाग से, और 529 नगर पालिका से संबंधित थे। कुल मिलाकर इन प्रकरणों के समाधान के माध्यम से 38896637 रुपये का अवार्ड पारित किया गया और 1422 लोग लाभान्वित हुए। लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें आपराधिक प्रकरणों के 308, एन.आई. एक्ट से संबंधित 113, विद्युत विभाग के 76, वैवाहिक मामलों के 97, मोटर दुर्घटना के 73, और अन्य सिविल प्रकरणों के 126 मामले शामिल थे। इस तरह कुल 3496 व्यक्ति लाभान्वित हुए और 831 प्रकरणों का निराकरण हुआ।

ये परिवार हुए एक

लोक अदालत के दौरान कुछ विशेष मामलों का समाधान किया गया, जिससे कई परिवारों का पुन: पुर्नस्थापन हुआ। लीला पाल ने धारा 125 के तहत कुटुंब न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया था, जिसमें आज राजीनामा होने से पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई और वे घर वापिस गए। कुमारी अनाया आर्य ने धारा 128 के तहत भरण पोषण राशि के आदेश को बढ़ाने के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया, जिसमें आज पति-पत्नी के बीच सुलह हो गई। सोनम तिवारी ने तलाक के बाद स्त्री धन और विवाह में हुए खर्च के लिए प्रकरण दर्ज कराया था, जिसमें 9 लाख रुपए का भुगतान राजीनामा से किया गया और प्रकरण समाप्त हुआ। इसके अलावा, इन परिवारों को न्यायालय द्वारा फलदार पौधे भी सौंपे गए, ताकि वे अपने जीवन को फिर से एक नई शुरुआत दे सकें।

रक्तदान शिविर का भी हुआ आयोजन

लोक अदालत के साथ ही जिला न्यायालय छतरपुर में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस शिविर में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रविंदर सिंह ने अपनी पत्नी के साथ रक्तदान किया। इसके अलावा अन्य न्यायधीशों और न्यायिक अधिकारियों ने भी रक्तदान किया, जिसमें जिला न्यायाधीश विक्रम भार्गव, अनिल चौधरी, नरेश मीहरबान सिंह मीना, हिमांशु शर्मा, महेंद्र रावत, अरविंद गुर्जर और अन्य न्यायिक अधिकारी शामिल थे। रक्तदान शिविर का आयोजन समाज सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

जिला उपभोक्ता आयोग में भी लोक अदालत लगी

इसके अतिरिक्त, जिला उपभोक्ता आयोग छतरपुर में भी एक लोक अदालत का आयोजन किया गया। आयोग के अध्यक्ष सनत कुमार कश्यप, सदस्य धीरज तिवारी और सदस्य निशा गुप्ता के मार्गदर्शन में 20 सूचीबद्ध प्रकरणों में से 12 प्रकरणों का समाधान किया गया और 230000 रुपए का अवार्ड पारित किया गया।

Updated on:
15 Dec 2024 10:50 am
Published on:
15 Dec 2024 10:49 am
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