इसमें नागरिकों और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पार्क में रनिंग ट्रैक, बच्चों के लिए झूले, योग पार्क, बाल उद्यान, व्यायामशाला, आरोग्य धाम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बर्ड सेंचुरी बनाई जाएगी।
शहर के पास झनझन देवी मंदिर के पास लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन (नेचर पार्क) का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसे जिले का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक नेचर पार्क बनाया जाएगा। राज्य सरकार के मंत्री दिलीप अहिरवार ने पार्क के लिए 1.75 करोड़ रुपए की प्रारंभिक स्वीकृति दी है। उन्होंने बताया कि शेष राशि चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। यह पार्क शहर के नजदीक होने के कारण स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों दोनों को सहज रूप से लाभ पहुंचाएगा।
वन विभाग की देखरेख में इस विशाल पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें नागरिकों और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पार्क में रनिंग ट्रैक, बच्चों के लिए झूले, योग पार्क, बाल उद्यान, व्यायामशाला, आरोग्य धाम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बर्ड सेंचुरी बनाई जाएगी। इसके साथ ही चंदेल कालीन तालाब का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक, प्राकृतिक और पर्यटन दृष्टि से और भी आकर्षक बनेगा।
परियोजना के तहत लगभग 50 हेक्टेयर भूमि में छायादार, फलदार, औषधीय और देसी प्रजातियों के हजारों पौधे लगाए जाएंगे। प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने के लिए तालाबों का निर्माण और पहले से मौजूद जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा। पार्क में चिल्ड्रन पार्क, सेल्फी जोन और प्राकृतिक शैक्षणिक क्षेत्र बनाए जाएंगे। संपूर्ण परिसर को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित किया जाएगा।
वन विभाग ने बताया कि पार्क में स्थानीय प्रजातियों के वृक्ष लगाए जाएंगे, जिससे यह क्षेत्र हराभरा और पर्यावरण संतुलन का केंद्र बनेगा। पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष क्षेत्र होंगे, वहीं योग और फिटनेस के लिए अलग से स्पेस विकसित किया जाएगा। झनझन देवी मंदिर तक मुख्य मार्ग का निर्माण भी कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा होगी।
झनझन देवी मंदिर के पास प्रस्तावित यह नेचर पार्क न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी नया आकर्षण होगा। पार्क बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके अलावा, पार्क में सुरक्षा, मार्गदर्शन और संरचना विकास के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
नगर वन परियोजना के तहत झनझन देवी मंदिर के पास स्थित रियासतकालीन तालाब का पुनर्निर्माण किया जाएगा। यह तालाब पहले से जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है, लेकिन अब इसे पर्यटक और स्थानीय नागरिकों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर जाने के लिए व्यवस्थित सडक़ मार्ग का निर्माण भी होगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा आसान होगी।
वन विभाग ने बताया कि पहले चरण में 1.75 करोड़ की राशि से निर्माण शुरू किया गया है, जबकि अगले चरणों में बर्ड सेंचुरी, चिल्ड्रन पार्क, योग पार्क और तालाब के सौंदर्यीकरण सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। परियोजना के पूरा होने के बाद झनझन देवी मंदिर और नेचर पार्क का संयोजन धार्मिक, प्राकृतिक और पर्यटन दृष्टि से छतरपुर का प्रमुख आकर्षण बन जाएगा।
वन विभाग का कहना है कि नगर वन केवल हरियाली बढ़ाने तक सीमित नहीं रहेगा। यहां नागरिकों को वनों के महत्व से परिचित कराना और प्राकृतिक जीवन शैली के करीब लाना भी इसका उद्देश्य है। पार्क में विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके अलावा, शैक्षणिक गतिविधियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए शांत वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। यह पार्क स्थानीय स्कूल और कॉलेजों के लिए शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र भी बनेगा।इनका कहना है
झनझन देवी मंदिर के पास के फारेस्ट एरिया में किया जाना है। पार्क में चरणबद्ध तरीके से रनिंग ट्रैक, बच्चों के लिए झूले, योग पार्क, बाल उद्यान, व्यायामशाला, आरोग्य धाम और बर्ड सेंचुरी बनाई जाएगी।
सर्वेश सोनवानी, डीएफओ, छतरपुर