छतरपुर

नए वर्ष के पहले महीने से शुरू हो जाएगी जिला अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट

जिला अस्पताल में निर्माणाधीन क्रिटिकल यूनिट और मेटरनिटी वार्ड अगले वर्ष जनवारी माह में बनकर तैयार हो जाएंगे। भवन निर्माण पूरा हो गया है, अब सिर्फ फिनिशिंग होना बाकी है।

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Nov 03, 2024
निर्माणाधीन पांच मंजिला भवन

छतरपुर. जिला अस्पताल में निर्माणाधीन क्रिटिकल यूनिट और मेटरनिटी वार्ड अगले वर्ष जनवारी माह में बनकर तैयार हो जाएंगे। भवन निर्माण पूरा हो गया है, अब सिर्फ फिनिशिंग होना बाकी है। ब्लड बैंक के सामने निर्मित इस बिल्डिंग के एक भवन में गहन चिकित्सा इकाई (क्रिटिकल केयर) और दूसरे में मेटरनिटी वार्ड संचालित होगा।

4 करोड़ की मशीनें लगाई जाएंगी


क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए 24 करोड़ 42 लाख की लागत से भवन निर्माण का काम अंतिम चरण में है। करीब 4 करोड़ की मशीनें ब्लॉक में लगाई जाएंगी। 5 मंजिला इस इमारत में सीरियस केस का इलाज दिया जाएगा। खास बात यह है कि 8 हजार वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में निर्मित केयर यूनिट में मेडिकल कॉलेज की तरह सुविधा मुहैया कराई जाएंगी। आकस्मिक सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। 5 मंजिला इमारत में हर एक खण्ड में ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था की जाएगी। 18 से 20 बिस्तर की व्यवस्था हर मंजिल में की गई है।

100 बेड का मेटरनिटी विंग होगा


इसी तरह 100 बेड की मेटरनिटी विंग तैयार की जा रही है। मेटरनिटी वार्ड तैयार होने से प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को जमीन पर नहीं लेटना पड़ेगा। अक्सर देखने में आता है कि वर्तमान जिला अस्पताल भवन में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण मेटरनिटी वार्ड भर जाता है। और अंतत महिलाओं को प्रसव के पूर्व और प्रसव के बाद जमीन पर लिटाकर इलाज देना पड़ता है। जिला अस्पताल के पुराने महिला वार्ड में अभी मेटरनिटी वार्ड चल रहा है, लेकिन 100 बिस्तर के नए मेटरनिटी विंग के बन जाने से महिलाएं लाभान्वित होंगी। प्रसूता महिलाओं और नवजात बच्चों के उपचार के लिए एक अलग मैटरनिटी वॉर्ड का निर्माण पीआइयू के माध्यम से साढ़े 7 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है। इस मैटरनिटी वॉर्ड में लेबर रूम, लेबर ओटी, लेबर आईसीयू सहित प्रसूता वॉर्ड नवजात बच्चों का केन्द्र भी निर्मित होगा। फिलहाल जिला अस्पताल का मैटरनिटी वॉर्ड अस्पताल के दूसरे फ्लोर पर संचालित हो रहा है जिसे शिफ्ट किया जाएगा।

इनका कहना है


क्रिटिकल केयर यूनिट निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। समय सीमा के हिसाब से काम समय से पूरा किया जाएगा। लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
अंशुल खरे, इंजीनियर, स्वास्थ्य विभाग

Published on:
03 Nov 2024 10:39 am
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