कंपनी द्वारा तैयार किए जा रहे डिजाइन में पैदल यात्रियों, दोपहिया वाहनों और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग ट्रैफिक प्रावधान किए जा रहे हैं। साथ ही आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, रेनवॉटर ड्रेनेज, एलईडी लाइटिंग और सर्विस रोड के निर्माण की भी योजना है।
झांसी-खजुराहो फोरलेन पर स्थित बागेश्वर धाम तिराहा, जो अब तक ट्रैफिक जाम और सडक़ हादसों का पर्याय बन चुका था, अब एक आधुनिक फ्लाईओवर से सुसज्जित होने जा रहा है। लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार फ्लाईओवर निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई। यह परियोजना 33.14 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जा रही है और इसे 18 महीने की निर्धारित समयावधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस फ्लाईओवर का निर्माण इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मोड पर ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 15.80 प्रतिशत बिलो रेट पर किया जा रहा है। यानी निर्माण एजेंसी को डिजाइन से लेकर मैटेरियल की आपूर्ति और तकनीकी निष्पादन तक की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फ्लाईओवर परियोजना की सबसे बड़ी खासियत इसका सुरक्षा-केंद्रित डिजाइन है। कंपनी द्वारा तैयार किए जा रहे डिजाइन में पैदल यात्रियों, दोपहिया वाहनों और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग ट्रैफिक प्रावधान किए जा रहे हैं। साथ ही आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, रेनवॉटर ड्रेनेज, एलईडी लाइटिंग और सर्विस रोड के निर्माण की भी योजना है। यह फ्लाईओवर न केवल ट्रैफिक प्रबंधन को दुरुस्त करेगा, बल्कि यह क्षेत्र सडक़ सुरक्षा मॉडल जोन के रूप में विकसित होगा।
बागेश्वर धाम तिराहा शहर का सबसे संवेदनशील जंक्शन है, जहां आए दिन वाहन चालकों की लापरवाही और उल्टी दिशा में वाहनों की आवाजाही के कारण कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। प्रशासन ने इन घटनाओं से सबक लेते हुए फ्लाईओवर निर्माण का निर्णय लिया। इन घटनाओं के बाद प्रशासन पर लगातार स्थानीय नागरिकों और बागेश्वर धाम श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ रहा था कि यहां स्थायी समाधान किया जाए।
पिछले एक वर्ष में यहां कई दर्दनाक दुर्घटनाएं दर्ज की गईं
:20 अगस्त 2024: ट्रक में घुसे ऑटो में सात लोगों की मौत।
24 अक्टूबर 2024: बस और ट्राले की भिड़ंत में एक बच्चे की मौत।
23 फरवरी 2025: कार पलटने से एक की मौत, 11 घायल।
14 मार्च 2024: कार डिवाइडर से टकराई, तीन की मौत।
फ्लाईओवर के निर्माण से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि यह क्षेत्र ट्रैफिक जाम से भी मुक्त हो जाएगा। हर दिन बागेश्वर धाम आने वाले हजारों श्रद्धालुओं और आसपास के ग्रामीणों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, फोरलेन ट्रैफिक को भी निर्बाध मार्ग मिलेगा। स्थानीय व्यापारी और निवासियों का कहना है कि फ्लाईओवर बनने के बाद क्षेत्र में न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार आएगा।
निर्माण एजेंसी द्वारा वर्तमान में भूमि समतलीकरण, पाइलिंग और फाउंडेशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रशासन की ओर से बताया गया है कि फ्लाईओवर निर्माण कार्य को प्राथमिकता के साथ मॉनिटर किया जा रहा है। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि यह परियोजना छतरपुर की सुरक्षा और विकास दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हम प्रयास कर रहे हैं कि तय समय सीमा में गुणवत्ता के साथ फ्लाईओवर का निर्माण पूरा किया जाए।
फ्लाईओवर निर्माण कार्य शुरू किया गया है। फ्लाईओवर बनने से भारी वाहन ऊपर से निकल जाएंगे। छोटे वाहन और पैदल चलने वाले सर्विस रोड का इस्तेमाल करेंगे। इससे दुर्घटना रोकने में मदद मिलेगी। तय समय सीमा में काम पूरा करने के लिए लगाकर मॉनिटरिंग की जाएगी।
देवेंद्र चापेकर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एएचएआई