छतरपुर

भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर के तहत एनएच-34 का फोरलेन निर्माण अटका, मुआवजा वितरण न होने से पिछड़ रही परियोजना

बड़ामलहरा तहसील की सांठिया घाटी से लेकर महाराजपुर तहसील के कैमाहा बैरियर तक फेज-3 और फेज-4 के लिए निर्माण कार्य हेतु टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा अब तक वितरित नहीं हो सका है।

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May 07, 2025
कानपुर सागर नेशनल हाइवे छतरपुर से गुजरता हुआ

छतरपुर. भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर के तहत नेशनल हाइवे-34 को फोरलेन में बदला जा रहा है, लेकिन यह महत्तवाकांक्षी प्रोजेक्ट मुआवजा वितरण में हो रही देरी के चलते अधर में लटक गया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने बड़ामलहरा तहसील की सांठिया घाटी से लेकर महाराजपुर तहसील के कैमाहा बैरियर तक फेज-3 और फेज-4 के लिए निर्माण कार्य हेतु टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा अब तक वितरित नहीं हो सका है। परिणामस्वरूप निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

7.7 करोड़ ही बंटा मुआवजा


211 करोड़ रुपए की कुल मुआवजा राशि में से अब तक महज 7.7 करोड़ रुपए ही किसानों को दिए जा सके हैं, जो कुल वितरण का 10 फीसदी से भी कम है। यह स्थिति तब है जब पूरे प्रोजेक्ट का दायरा सागर से लेकर उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में स्थित कबरई तक फैला हुआ है और 211 किलोमीटर लंबी इस सडक़ को पांच चरणों में पूरा किया जाना है।

56 गांव की भूमि होना है अधिग्रहण


इस परियोजना में छतरपुर जिले की बड़ामलहरा, छतरपुर, बिजावर और नौगांव तहसीलों के अंतर्गत आने वाले कुल 56 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। इनमें बड़ामलहरा तहसील के भिलवार, गोरा, बमनौराखुर्द, घिनौची, रजपुरा, टौरिया, मौली, मेलवार, किवलाई, अरोल, मवई, रानीखेरा जैसे गांव शामिल हैं। वहीं बिजावर तहसील में निवार, मड़देवरा, दरगुवां, गुलगंज, अनगौर जैसे गांवों से जमीन अधिग्रहण हुआ है। छतरपुर तहसील में पलटा, खैरो, मातगुवां, अतरार, रामगढ़ सहित कई गांव इस सूची में हैं जबकि नौगांव विकासखंड के महाराजपुर तहसील में कुर्राहा, ऊजरा, बेदर और गढ़ीमलहरा जैसे गांवों की भूमि ली जा रही है।

ये है ठेका की स्थिति


फेज-3 के निर्माण के लिए एनएचएआई ने वेल्जी रत्ना सोराठिया इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ठेका दिया है, जो 55 किलोमीटर लंबी सडक़ 717 करोड़ रुपए की लागत से बनाएगी। फेज-4 के तहत एलेक्सी इन्फ्रास्ट्रक्चर गुजरात को 43 किलोमीटर का निर्माण कार्य सौंपा गया है, जिसकी लागत 688 करोड़ रुपए तय की गई है। इस खंड में छतरपुर शहर के सागर रोड से लेकर बृजपुरा तक का हिस्सा शामिल है। फेज-1 और फेज-2 के तहत सागर से हीरापुर तक सडक़ निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन छतरपुर जिले के सांठिया घाटी से चौका गांव (फेज-3) और चौका से कैमाहा बैरियर (फेज-4) तक का निर्माण कार्य पूरी तरह से रुका हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह मुआवजा वितरण में हो रही देरी है।

ये कह रहे अधिग्रहण करने वाले अधिकारी


इस देरी को लेकर राजस्व और एनएचएआई अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है। बड़ामलहरा के एसडीएम आयुष जैन का कहना है कि उनके कार्यालय से अब तक लगभग 73.97 लाख रुपए की मुआवजा राशि ढाई सौ से अधिक किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है और 450 खाते पोर्टल पर अपलोड हैं। जैसे ही राशि आएगी, तुरंत किसानों को दे दी जाएगी। बिजावर के एसडीएम विजय द्विवेदी ने बताया कि उनके क्षेत्र में 21 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरण होना है, जिसमें से 2.25 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं और 4 करोड़ रुपए के लिए खाते पोर्टल पर फीड कर दिए गए हैं। छतरपुर के एसडीएम अखिल राठौर ने जानकारी दी कि भू-अधिग्रहण का अवार्ड पारित हो चुका है और विवादित प्रकरणों को छोडकऱ 80 फीसदी खातों की जानकारी 15 दिनों में पोर्टल पर फीड कर दी जाएगी। नौगांव के एसडीएम गोपाल शरण पटेल ने कहा कि महाराजपुर तहसील के पांच गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया है, परंतु मुआवजा राशि का अब तक किसी भी हितग्राही को वितरण नहीं हुआ है। हालांकि, उनका दावा है कि खाता फीडिंग शुरू हो गई है और एक सप्ताह में स्थिति में सकारात्मक प्रगति देखने को मिलेगी।

एनएचएआई के अधिकारी बोले- बजट की कमी नहीं


एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र चापेकर ने स्पष्ट किया कि मुआवजा वितरण का पूरा जिम्मा राजस्व विभाग के एसडीएम कार्यालयों पर है। उनके अनुसार एनएचएआई का पोर्टल पूरी तरह से तैयार है और जैसे ही एसडीएम द्वारा खाता संबंधी जानकारियां अपलोड की जाती हैं, एनएचएआई तुरंत राशि जारी करता है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट की कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब तक 80 फीसदी मुआवजा राशि वितरित नहीं हो जाती, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता।

Published on:
07 May 2025 10:03 am
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