छिंदवाड़ा

Trading ऐप इस्तेमाल करने वाले सावधान! कमाई के नाम पर हो रही ठगी

trading apps: एमपी में साइबर फ्रॉड के लिए ठग अब नए-नए तरीके अपनाने लगे है। साइबर सेल में अब कई शिकायतें ऐसी भी पहुंच रही है जिसमें ट्रेडिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले लोग ठगी का शिकार हुए है।

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trading apps: साइबर ठगी को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने तो डिजिटल अरेस्ट व ओटीपी के खिलाफ अभियान चला रखा है। मोबाइल रिंग टोन के माध्यम से सचेत किया जा रहा है। वर्तमान में साइबर ठग अब नए-नए तरीके अपना कर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे है। महिला बाल विकास के नाम पर फोन कर जानकारी लेने तथा ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से कमाई का लालच देकर ठगी की जा रही है। ऐसे मामलों की शिकायत साइबर सेल के पास पहुंच रही है।

ट्रेडिंग ऐप से बना रहे शिकार

टेलीग्राम पर लोगों को ट्रेडिंग ऐप के नाम से ग्रुप बनाकर जोड़ा जाता है। फिर फर्जी तरीके से यह दिखाया जाता है कि ये ऑनलाइन ही पैसे कमा सकते हैं। हामी भरने पर कुछ छोटी राशि भी उनके दिए गए खाते में पहुंचती है। बीच-बीच में कई टास्क करने के लिए दिए जाते हैं। डिजिटल करेंसी में इनवेस्ट करने के लिए कहा जाता है। बड़ी रकम निवेश करने तथा कुछ देर बाद काफी ज्यादा राशि मिलने के मैसेज भेजे जाते हैं। लोग जब बड़ी राशि लगा देते हैं, तो फिर ब्लॉक कर दिया जाता है।

आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी विभाग से आता है फोन

महिला बाल विकास विभाग के नाम पर आशा कार्यकर्ताओं को फोन किया जाता है। क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, पति का नाम, स्थान, डिलेवरी की तिथि मांगी जा रही है। इसके बाद उन गर्भवती महिलाओं को फोन किया जाता है तथा नियों में बदलाव का हवाला देते हुए सीधे फोन पर योजना की राशि देने की बात कही जाती है। ठग फोन पे के माध्यम से पैसे की रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद पासवर्ड डालते ही महिलाओं के खाते से पैसे कट जाते हैं।

साइबर का कहना है

इस मामले में साइबर एक्सपर्ट पुलिस मोहित चंद्रवंशी का कहना है कि लोगों में जागरूकता आई है। ओटीपी व डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन साइबर ठगी करने वालों ने अपने तरीके बदले हैं। इनसे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसी कोई घटना होने पर साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 व पुलिस को शिकायत करनी चाहिए।

लोन दिलाने के नाम पर ठगी

फर्जी एप्लीकेशन के माध्यम से लोग छोटी-छोटी राशि दो हजार व तीन हजार रुपए का लोन लेते हैं। इस दौरान लोन लेने वाले को एक एप्लीकेशन डाउनलोड कराया जाता है, जिससे उसके मोबाइल के सभी संपर्क नंबर की जानकारी साझा हो जाती है। मन व्याज व बदनाम करने की साजिश रचते हुए ब्लैकमेल किया जाता है। कई बार संपर्क नंबर पर अश्लील मैसेज व एडिट फोटो नजी जाती है। लोग परेशान होकर ज्यादा पैसा सामने वाले को दे देते हैं या फिर शिकायत करने साइबर सेल के पास पहुंचते हैं। ऐसे कई मामले पुलिस के पास लगातार पहुंच रहे हैं।

Published on:
18 Apr 2025 09:00 am
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