तीन किसानों के खेतों में लहलहा रही रबी सीजन की फसल, किसानों को मिलेगा 2600 रुपए क्विंटल का भाव
छिंदवाड़ा विकासखण्ड के ग्राम सलैया, खमरा और खेड़ा में करीब 15 एकड़ में लगाई गई अमेरिकन पाप कार्न की खेती इस रबी सीजन में लहलहा रही है। अगले माह अप्रैल में ये फसल कटने की स्थिति में आ जाएगी। ये खेती किसानों को फायदेमंद बनाती है तो अगले साल 2026 में इसका रकबा 500 एकड़ तक पहुंच जाएगा।
इस बार नागपुर की निजी पापकार्न कंपनी के सहयोग से कृषि विभाग ने भूमिजा किसान संगठन के माध्यम से यह नवाचार किया है। मक्का की इस पापकार्न किस्म को ग्राम सलैया में जगदीश रघुवंशी के छह एकड़ तथा खमरा के जितेन्द्र सिंह मुनिराज पटेल के पांच एकड़ खेत में लगवाया है। इसी तरह खेड़ा में लोकेश रघुवंशी के एक एकड़ खेत में भी उसे लगवाया गया है। पिछले नवम्बर 2024 में इस फसल को बतौर प्रयोग के किसानों ने लगवाया। अब ये फसल अपने चरण पर आ गई है। जिसमें भुट्टे भी लग गए हैं।
भूमिजा किसान संगठन के सीइओ प्रदीप चौरसिया का कहना है कि कृषि विभाग और नागपुर की कंपनी के सहयोग से इस पाप कार्न का बीज नागपुर से बुलवाया गया और उसे किसानों को देकर उसे खेतों में लगवाया। इस बीज के बेहतर परिणाम खेतों में दिखाई दिए हैं। अब फसल अंतिम चरण में है। अप्रैल में उसे काट लिया जाएगा।
भूमिजा किसान संगठन और किसानों के बीच एक अनुबंध हुआ है। जिसमें इन किसानों का पापकार्न भुट्टा समेत उत्पाद 2600 रुपए क्विंटल में खरीद लिया जाएगा। इस फसल में एक एक ड़ में 35 क्विंटल पापकार्न भुट्टा होने का अनुमान है। इस हिसाब से प्रत्येक किसान को एक एकड़ में 58 हजार रुपए का मुनाफा होगा। ये गेहूं उत्पादन की आय से ज्यादा होगा।
किसान संगठन के अनुसार यह खेती पहली बार पूरे जिले में हो रही है। इससे किसान उत्साहित है। हर विकासखण्ड के किसानों के अलावा सिवनी जिले के किसानों का दल भी इसे देखने आया है। माना जा रहा है कि इन किसानों को पाप कार्न से जैसे ही फायदा हुआ, अगले साल रबी सीजन में मक्का की यह किस्म पूरे इलाके में छा जाएगी। किसान संगठन उम्मीद कर रहे हैं कि मक्का की इस किस्म का रकबा 500 एकड़ पार कर जाएगा।
जिले में पापकार्न खेती का नवाचार हो चुका है। कुछ किसानों ने इस रबी सीजन में इस फसल को लगाया है। जिसका निरीक्षण कलेक्टर और मैंने किया था। अगले साल रबी सीजन में यह नियमित फसल हो जाएगी। इसका लाभ किसानों को मिलेगा।
-जितेन्द्र कुमार सिंह, उपसंचालक कृषि।