नए वर्ष के जनवरी माह में अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 की नई कलेक्टर संपत्ति मूल्य गाइड लाइन तैयार करने मशक्कत शुरू हो जाएगी। महानिरीक्षक पंजीयन का पत्र जिला पंजीयक के पास आ गया है। जिसमें उपमूल्यांकन समितियों को सर्वेक्षण का कार्य 15 जनवरी तक करने कहा गया है।
नगर निगम से जुड़े खजरी, चंदनगांव, नोनिया करबल और सोनपुर के संपत्ति गाइड लाइन मूूल्य में वृद्धि की जा सकती है। दरअसल इस इलाके में एक साल अधिक बार जमीन की रजिस्ट्री होती देखी गई है। पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने इसके संकेत दिए हैं। जल्द ही सर्वेक्षण का काम शुरू किया जाएगा।
नए वर्ष के जनवरी माह में अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 की नई कलेक्टर संपत्ति मूल्य गाइड लाइन तैयार करने मशक्कत शुरू हो जाएगी। महानिरीक्षक पंजीयन का पत्र जिला पंजीयक के पास आ गया है। जिसमें उपमूल्यांकन समितियों को सर्वेक्षण का कार्य 15 जनवरी तक करने कहा गया है।
पंजीयन विभाग की जानकारी के मुताबिक नई गाइडलाइन के लिए उप मूल्यांकन समितियों की पहली बैठक फरवरी माह में होने की संभावना है। पंजीयन विभाग के पास शहर सहित जिले में 3375 लोकेशन है, जिसमें से कुछ मर्ज किया जाएगा। नई लोकेशन चिन्हित की जाएंगी। पता चला है कि जिला मुख्यालय के उप मूल्यांकन समिति इस बार खजरी, चंदनगांव, नोनिया करबल और सोनपुर क्षेत्र में संपत्ति मूल्य वृद्धि करने के मूड में है क्योंकि इस बार साल भर में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रियां इस क्षेत्र से हुई है। इसके अलावा दूसरे क्षेत्र में प्लाटिंग पर नजर रखी जाएगी।
उपमूल्यांकन समितियों कों 15 जनवरी तक प्रस्ताव को पास करना होगा। उप मूल्यांकन समिति में प्रस्ताव पास होने के बाद जिला मूल्याकन समिति को भेजा जाएगा। 30 जनवरी तक जिला मूल्याकन समिति को गाइडलाइन के प्रस्ताव पर फैसला लेना होगा। दावे आपत्तियों के बाद अंतिम प्रस्ताव 15 फरवरी तक भोपाल भेजने होंगे। भोपाल से गाइडलाइन पास होने के बाद 31 मार्च को कंप्यूटर में अपडेट करके अप्रैल से इसे लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम में फेरबदल हो सकता है।
उप पंजीयक कार्यालय ने संपदा-2 से दस्तावेजों का विश्लेषण शुरू कर दिया है। इससे सटीक जानकारी सामने आ सकेगी। इस सॉफ्टवेयर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम करता है। स्थानीय स्तर पर होने वाली खरीद- फरोख्त की जानकारी जुटाई जा रही है। नवीन क्षेत्रों में निवेश देखा जा रहा है क्योंकि नई कॉलोनी विकसित हो रही हैं। संभावना को भी देखते हुए उन्हीं क्षेत्रों का चयन किया जाएगा, जहां पर सबसे ज्यादा विक्रय हो रहा है। प्लॉट व व्यवसायिक संपत्तियों में ज्यादा बढ़ोतरी संभावित है।
नगर निगम क्षेत्र में यदि कहीं तीन से अधिक बार रजिस्ट्री होती है और उनके मूल्य में बढ़ोत्तरी दिखाई देती है, तो उसे संपत्ति गाइड लाइन मूल्य के प्रस्तावों में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही नए निवेश क्षेत्र भी हमारी नजर होगी। उपमूल्यांकन समिति इसकी जानकारी जुटा रही है।
-लखुपति नंदेश्वर, उपपंजीयक छिंदवाड़ा।