अमृत 2.0 योजना: निगम अधिकारी पशोपेश में, एमआईसी में रखा जाएगा प्रस्ताव
अमृत योजना 2.0 में नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने नई शर्त रखकर नगर निगम के अधिकारियों को पशोपेश में डाल दिया है। इस नई शर्त में पाइप लाइन विस्तार की अनुमति देने से पहले नगर निगम को दो हजार घरों में 24 घंटे पानी उपलब्ध कराना होगा। जल प्रदाय शाखा के अधिकारियों ने इस शर्त को एक प्रस्ताव के रूप में एमआईसी में भेजने का निर्णय लिया है।
निगम की जलप्रदाय शाखा के मुताबिक इस शर्त को पूरा करने के लिए निगम ने मध्यम वर्ग और बड़े व्यावसायिक वर्ग वाले इलाके को देखा है। फिलहाल गोलगंज, चंदनगांव के वार्ड 34 एवं 36 के चुनिंदा इलाके, कलेक्ट्रेट के सामने सिविल लाइन, पंचशील कॉलोनी जैसे क्षेत्र की आबादी को लिया जा सकता है, जिससे नगर निगम को 24 घंटे का जल शुल्क मिल पाए। इस आबादी क्षेत्र से निगम इस शर्त को पूरा कर सकता है। फिलहाल फैसला मेयर-इन-काउंसिल की बैठक में होगा, तभी पेयजल डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन को अनुमति मिल सकती है।
पिछले वर्ष भरतादेव से कन्हरगांव मेन पाइप लाइन समेत चार प्रोजेक्ट को राज्य शासन ने मंजूरी दी थी। इसकी ड्राइंग डिजाइन को नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने अप्रूव किया था। इनमें भरतादेव-कन्हरगांव पेयजल पाइप लाइन के साथ छोटा बाजार खिरकापुरा-पुलिस लाइन, गोशाला पानी टंकी, भरतादेव प्लांट में पेयजल टंकी के निर्माण शामिल है।
नगर निगम के इस 74 करोड़ रुपए की अमृत 2.0 योजना का ठेका दिल्ली की जियो मिलर कंपनी को मिला हुआ है। इसके वर्क ऑर्डर अक्टूबर 2024 में नगर निगम ने जारी किए। वर्ष 2023 में इस योजना में पहले 110 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया था। केंद्र सरकार ने 64 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। काफी मशक्कत के बाद सरकारी बजट केवल 74 करोड़ रुपए तक आया।
इस योजना में शहरी इलाकों में पानी टंकी और पाइप लाइन विस्तार का 180 किमी का वितरण सिस्टम तैयार होगा। इसके साथ पेयजल टंकी का निर्माण होगा। भरतादेव 11 एमएलडी प्लांट का संधारण तथा भरतादेव प्लांट से लेकर कन्हरगांव डैम तक क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को बदला जाएगा।